पुणे (महाराष्ट्र): रायपुर में आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी करने के मामले में करीब एक हफ्ते तक छत्तीसगढ़ की जेल में बंद रहे कालीचरण को पुणे पुलिस ने बुधवार को अपनी हिरासत में लिया।
महाराष्ट्र में कालीचरण और पांच अन्य के खिलाफ दर्ज कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित एक मामले में उसे हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक अदालत द्वारा दी गई ‘ट्रांजिट रिमांड’ के बाद कालीचरण को पुणे लाया जा रहा है, जहां उसे बाद में एक अदालत में पेश किया जाएगा।
खड़क थाने के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने छत्तीसगढ़ पुलिस से कालीचरण को हिरासत में ले लिया है और उसे पुणे लाया जा रहा है।’’
पुणे पुलिस ने कालीचरण, दक्षिणपंथी नेता मिलिंद एकबोटे, कैप्टन दिगेंद्र कुमार (सेवानिवृत्त) और अन्य के खिलाफ यहां एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
वक्ताओं में शामिल दिगेंद्र कुमार को कारगिल युद्ध में बहादुरी दिखाने के लिए 1999 में महावीर चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। वह 2005 में सेवानिवृत्त हुए थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा मुगल सेनापति अफजल खान को मारे जाने की घटना की याद में 19 दिसंबर 2021 को एकबोटे के नेतृत्व वाले हिंदू आघाड़ी संगठन द्वारा ‘शिव प्रताप दिन’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
बाद में, खड़क थाने में कालीचरण और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 295 (ए) (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण इरादे से ठेस पहुंचाना), 298 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावना को जानबूझकर ठेस पहुंचाने की मंशा) और 505 (2) (शत्रुता, घृणा या द्वेष पैदा करने के इरादे से झूठी बयानबाजी, धार्मिक स्थान पर अफवाह फैलाने से संबंधित) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
प्राथमिकी के अनुसार, सभी आरोपियों ने कथित तौर पर मुसलमानों और ईसाइयों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और लोगों के बीच सांप्रदायिक दरार पैदा करने के इरादे से भड़काऊ भाषण दिए।
रायपुर में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए कालीचरण के खिलाफ छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी मामले दर्ज किए गए हैं। कालीचरण को पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस मामले में मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था।