हरियाणा देश का शायद इकलौता ऐसा राज्य था जहां भाजपा ने 2014 में लोकसभा की 10 में से सात सीटें लेने के छह महीने बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की. हालांकि विधानसभा चुनाव में उसे केवल 34 प्रतिशत वोट मिले थे. दशकों से आईएनएलडी की सौतेली बहन रही भाजपा ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि अपने दम पर हासिल की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव की परिस्थिति उससे भिन्न नहीं है. कड़ी चुनौती के मद्देनजर भाजपा ने वहां पांच नए चेहरों को उतारा है.मई 2014 के लोकसभा और अक्तूबर 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी वहां तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर को भुनाने जा रही है. दिलचस्प बात यह है कि दोनों विपक्षी पार्टियों ने 2014 में भाजपा को लाभ पहुंचाने वाले अपने-अपने 22-24% वोट को बरकरार रखा है. वहीं, पिछले लोकसभा चुनाव में 6.1% वोट लाने वाली हजकां का कांग्रेस में विलय हो गया है. इस प्रकार दोनों के संयुक्त 29% वोट से परिस्थति बदल गई है. कांग्रेस को आईएनएलडी के दो भागों में बंटने से भी फायदा हो सकता है.दोनों धड़े स्वर्गीय चौधरी देवीलाल की विरासत का दावा कर रहे हैं. जेल में बंद देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपने छोट बेटे अभय चौटाला (आईएनएलडी) का समर्थन कर रहे हैं, जबकि उनके दो पोतों दुष्यंत और दिग्विजय ने जेजेपी का गठन कर राज्य में आप के साथ गठबंधन किया है. कांग्रेस ने अपने सभी वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारकर अच्छा कदम बढ़ाया है.पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सोनीपत से, उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा को रोहतक से, कुमारी सैलजा को अंबाला से, दिवंगत भजनलाल के पोते भव्या बिश्नोई को हिसार से रणभूमि में उतारा है. कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के मौजूदा विधायक अवतार सिंह भड़ाना को पार्टी छोड़ने का लालच दिया और उन्हें फरीदाबाद में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के खिलाफ उतारा है.हरियाणा के प्रमुख गुर्जर नेता भड़ाना चार बार सांसद रहे हैं. वहीं, कांग्रेस ने भिवानी में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का पुनर्नामांकन कराया है. भाजपा को मनोहरलाल खट्टर केे पारदर्शी प्रशासन और मोदी लहर के अतिरिक्त विकास पर भरोसा है.इसके अलावा पार्टी को हिसार से चुनाव लड़ने के लिए आईएएस पद छोड़ने वाले इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे पर भी भरोसा है. वह चौधरी छोटू राम के पोते हैं और जाट वोट ला सकते हैं. भाजपा सीटों का आंकड़ा 7 से बढ़ाकर 10 तक पहुंचाने की उम्मीद उम्मीद कर रही है. वहीं, हरियाणा के घटनाक्रमों पर करीब से नजर रखने वालों का कहना है कि यह 2014 की अपनी सीटों को बचाने में कामयाब रही तो भाग्यशाली होगी. हरियाणा में चुनाव 12 मई को होगा.
हरियाणा में लोकसभा की 10 सीटों के लिए कड़ी टक्कर, BJP तीसरी बार भुनाने जा रही मोदी लहर
By हरीश गुप्ता | Updated: May 8, 2019 07:52 IST
हरियाणा लोकसभा चुनावः मई 2014 के लोकसभा और अक्तूबर 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी वहां तीसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर को भुनाने जा रही है.
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ठळक मुद्देहरियाणा देश का शायद इकलौता ऐसा राज्य था जहां भाजपा ने 2014 में लोकसभा की 10 में से सात सीटें लेने के छह महीने बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की.जेल में बंद देवीलाल के बेटे ओमप्रकाश चौटाला अपने छोट बेटे अभय चौटाला (आईएनएलडी) का समर्थन कर रहे हैं.कांग्रेस ने भिवानी में पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी का पुनर्नामांकन कराया है.