हरियाणा: 9,774 भूमि सौदों की पंजीकरण प्रक्रिया में धांधली, 200 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
By विशाल कुमार | Published: February 9, 2022 08:14 AM2022-02-09T08:14:22+5:302022-02-09T08:18:26+5:30
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकारियों ने बिना उचित मंजूरी के ही जमीन का पंजीकरण कर दिया। प्रारंभिक राय है कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी लेकिन आरोपपत्र दाखिल करने सहित अंतिम कार्रवाई उनके स्पष्टीकरण पर उनके जवाबों की जांच के बाद की जाएगी।
चंडीगढ़: 9,774 भूमि सौदों की पंजीकरण प्रक्रिया में नियमों के कथित उल्लंघन के लिए 34 सब रजिस्ट्रार (तहसीलदार) और ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार (नायब तहसीलदार) को अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है। इसमें से अधिकतर मामले आवासीय भूखंडों से जुड़े हुए नहीं हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इसके अलावा 34 अधिकारी, 22 रजिस्ट्री कलर्क्स और 176 पटवारियों को संभागीय आयुक्तों द्वारा की गई जांच के बाद कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
नियमानुसार राजस्व अधिकारियों को नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग एवं नगर पालिकाओं से स्वीकृति के बाद कृषि भूमि की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होती है, जो नगरपालिका समितियों के अधिकार क्षेत्र में आती है।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लेकिन इन अधिकारियों ने बिना उचित मंजूरी के ही जमीन का पंजीकरण कर दिया। प्रारंभिक राय है कि उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी लेकिन आरोपपत्र दाखिल करने सहित अंतिम कार्रवाई उनके स्पष्टीकरण पर उनके जवाबों की जांच के बाद की जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि कृषि भूमि आवासीय कॉलोनियों या उद्योगों के लिए सीएलयू (भूमि उपयोग में परिवर्तन) प्राप्त किए बिना स्टांप शुल्क और अन्य शुल्क बचाने के लिए बेची गई थी। यह प्रक्रिया आवासीय खंडों के रजिस्ट्रेशन के लिए अपनाई गई।
करनाल, कैथल और पानीपत के जिला आयुक्तों को सोमवार को भेजे गए पत्र में हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) पीके दास ने कहा कि शासन द्वारा हरियाणा सिविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के तहत करनाल संभाग के 34 सब रजिस्ट्रार एवं ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया है, जो 03-04-2017 से 13-08-2021 की अवधि के दौरान एनओसी के बिना 9,774 के पंजीयन में संलिप्त थे।