भ्रष्टाचार को ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति’ पर काम कर रही हरियाणा सरकार- बोले सीएम मनोहर लाल खट्टर, कहा डिजिटलीकरण पर दिया जा रहा है अधिक जोर
By आजाद खान | Published: March 18, 2022 07:20 AM2022-03-18T07:20:31+5:302022-03-18T07:23:41+5:30
आपको बता दें कि सीएम खट्टर के ‘‘सुशासन सहयोगी’’ के आरएसएस की पृष्ठभूमि से होने संबंधी विपक्ष के सवाल के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा, ‘‘ वे किसी भी पृष्ठभूमि के हो सकते हैं।’’
चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरूवार को जोर देकर कहा कि उनकी सरकार की भ्रष्टाचार को ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति’’ है और इसे रोकने के लिए वह प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य व्यवस्था को ठीक करने का है। हम मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम करना चाहते हैं और आमने सामने आए बिना काम करने की (फेसलेस) प्रणाली बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर रहे हैं।’’
क्या कहा सीएम खट्टर ने
खट्टर ने कहा कि उनकी सरकार ने डिजिटलीकरण पर अधिक जोर दिया है, जिससे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर काम कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को जमीनी स्तर पर ले जाने के लिए समर्पित कोशिश कर रहे हैं। ’’
अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार- बोले सीएम खट्टर
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने ‘‘अधिकतम शासन और न्यूनतम सरकार’ सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किये हैं।’’ उनके ‘‘सुशासन सहयोगी’’ के आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की पृष्ठभूमि से होने संबंधी विपक्ष के सवाल के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा, ‘‘ वे किसी भी पृष्ठभूमि के हो सकते हैं।’’
आरएसएस के ‘‘सुशासन सहयोगी’’ वाले विवाद पर क्या कहा
साथ ही सीएम खट्टर ने कहा, ‘‘आरएसएस प्रतिबंधित संगठन नहीं है। मैं स्वयं आरएसएस से हूं। जब मैं मुख्यमंत्री बन सकता हूं, तो क्या आरएसएस की पृष्ठभूमि का कोई व्यक्ति मेरा सलाहकार नहीं बन सकता है...लेकिन हमने ऐसा कोई पैमाना नहीं रखा है। (अपने सुशासन सहयोगियों का संदर्भ देते हुए कहा) चाहे वे आरएसएस से हों या नहीं, लेकिन आरएसएस की पृष्ठभूमि से होने पर प्रतिबंध नहीं है।’’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके सुशासन सहयोगी वास्तव में आरएसएस पृष्ठभूमि के हैं, तो खट्टर ने जवाब दिया, ‘‘मैं नहीं जानता, मैंने कभी पूछा नहीं।’’ उन्होंने कहा कि ये सहयोगी अपना वेतन सरकारी खजाने से प्राप्त नहीं करते। उन्होंने विपक्ष के इस दावे को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया कि सरकार ने राज्य में करीब 2.70 लाख लाभार्थियों की वृद्धावस्था पेंशन बंद कर दी है।