हरियाणाः हड़ताल कर रहे लिपिकों के खिलाफ सख्त हुई खट्टर सरकार, ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम लाई, जानें मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 28, 2023 08:41 AM2023-07-28T08:41:23+5:302023-07-28T08:58:14+5:30

सरकारी एवं लिपिक प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की वार्ता समाधान तक पहुंचने में विफल रही है। 

Haryana government brings no work no pay rule for striking clerks | हरियाणाः हड़ताल कर रहे लिपिकों के खिलाफ सख्त हुई खट्टर सरकार, ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम लाई, जानें मामला

हरियाणाः हड़ताल कर रहे लिपिकों के खिलाफ सख्त हुई खट्टर सरकार, ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ नियम लाई, जानें मामला

Highlightsविभिन्न विभागों के करीब 15,000 लिपिक 3 सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं।लिपिक मूल वेतन को 19,900 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 35,400 रुपये प्रतिमाह करने की मांग कर रहे हैं।

चंडीगढ़ः हरियाणा में अपने मूल वेतन में संशोधन की मांग को लेकर लिपिक हड़ताल पर हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने हड़ताल कर रहे लिपिकों के लिए ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत लागू करने का गुरुवार को फैसला किया। वित्त विभाग के अवर मुख्य सचिव की ओर से जारी आदेश के अनुसार हड़ताल से आम लोगों को असुविधा हो रही है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘ उस हिसाब से, सरकार ने फैसला किया है कि ‘काम नहीं तो वेतन नहीं’ सिद्धांत लागू होगा तथा ऐसे कर्मचारियों की तनख्वाह नहीं जारी की जाएगी जो हड़ताल में हिस्सा ले रहे हैं और तब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा जब तक वे हड़ताल पर रहेंगे।’’

विभिन्न विभागों के करीब 15,000 लिपिक अपने मूल वेतन को 19,900 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 35,400 रुपये प्रतिमाह करने की मांग को लेकर तीन सप्ताह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं। सरकारी एवं लिपिक प्रतिनिधियों के बीच दो दौर की वार्ता समाधान तक पहुंचने में विफल रही है। 

बुधवार सरकार से तीन बार बातचीत हो चुकी है। बुधवार को हुई तीसरी बैठक में सरकार ने 21,700 मूल वेतन का ऑफर दिया था, जिसे लिपिकों ने ठुकरा दिया। सरकार का कहना है कि वह दिल्ली, पंजाब और हिमाचल प्रदेश से ज्यादा वेतन देने को तैयार है। इसपर लिपिक संघ ने कहा कि सरकार ने सकारात्मक रुख के साथ बातचीत का आश्वासन दिया था लेकिन अब काम नहीं तो वेतन नहीं का आदेश दे रही है। उन्होंने इसे आत्मसम्मान की लड़ाई बताते हुए कहा कि जरूरत पड़ी तो दूसरे विभागों के कर्मचारियों का भी सहयोग लिया जाएगा।

भाषा इनपुट के साथ

Web Title: Haryana government brings no work no pay rule for striking clerks

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