Haryana Election Results 2024: हरियाणा में हार का असर?, दिल्ली में ‘आप’ ने कांग्रेस को कहा ना, राहुल गांधी को अरविंद केजरीवाल ने दिया झटका?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 9, 2024 17:03 IST2024-10-09T17:02:01+5:302024-10-09T17:03:23+5:30
Haryana Election Results 2024: पिछले 10 साल से दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है, फिर भी ‘आप’ ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन सीट की पेशकश की थी।

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Haryana Election Results 2024: दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ‘‘अति आत्मविश्वासी’’ कांग्रेस के साथ जाने के बजाय अकेले उतरेगी। पार्टी के एक सदस्य ने बुधवार को यह जानकारी दी। आम आदमी पार्टी (आप) की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, ‘‘दिल्ली में ‘आप’ अकेले लड़ेगी। हम अति आत्मविश्वासी कांग्रेस और अहंकारी भाजपा से अकेले मुकाबला करने में सक्षम हैं।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा में गठबंधन सहयोगियों को हल्के में लिया और अपने अति आत्मविश्वास के कारण उसे हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 साल से दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस के पास एक भी सीट नहीं है, फिर भी ‘आप’ ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को तीन सीट की पेशकश की थी। इसके बावजूद उसे हरियाणा में सहयोगियों के साथ चलना जरूरी नहीं लगा।’’
कक्कड़ ने दावा किया कि कांग्रेस ने हरियाणा में गठबंधन बनाने के लिए ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के घटक दलों के सभी प्रयासों को विफल कर दिया और ‘‘अपने सहयोगी के साथ चलना जरूरी नहीं समझा।’’ सीट बंटवारे को लेकर मतभेदों के कारण ‘आप’ और कांग्रेस में चुनाव पूर्व गठबंधन नहीं हो पाया था।
‘आप’ ने हरियाणा में जितनी भी सीट पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर हार का सामना करना पड़ा जबकि कांग्रेस बहुमत के आंकड़े से काफी दूर रह गई। ऐसे में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए लगातार तीसरी बार वापसी का रास्ता साफ हो गया। ‘आप’ और कांग्रेस ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव गठबंधन में लड़ा था।
लोकसभा चुनाव में आप हरियाणा में एक सीट पर मैदान में उतरी थी, लेकिन उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि कांग्रेस ने 10 में से पांच सीट जीतीं। कक्कड़ ने जम्मू-कश्मीर में आप की एक सीट जीतने का श्रेय पार्टी की विकास-आधारित राजनीति को दिया। उन्होंने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल बृहस्पतिवार को जम्मू-कश्मीर जाएंगे।
‘आप’ ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोला। उसके उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा निर्वाचन क्षेत्र में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी को 4,538 से अधिक मतों के अंतर से हराया। कक्कड़ ने कहा, ‘‘मेहराज मलिक बेहद मेहनती हैं और वे आंदोलन तथा संघर्ष के समय से पार्टी के साथ हैं।’’ जिला विकास परिषद के सदस्य मलिक को 23,228 मत मिले, जबकि भाजपा के गजय सिंह राणा 18,690 मत ही हासिल कर पाये।
चुनाव रणनीति की समीक्षा करे कांग्रेस : हरियाणा में हार के बाद ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगी दलों ने दी सलाह
हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस को मंगलवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह मिली। आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि चुनाव परिणामों का ‘‘सबसे बड़ा सबक’’ यह है कि चुनाव में कभी भी ‘‘अति आत्मविश्वासी’’ नहीं होना चाहिए। केजरीवाल ने ‘आप’ के पार्षदों को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देखिए, हरियाणा में चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं।
सबसे बड़ा सबक यही है कि किसी को भी चुनाव में अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है।’’ हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के कारण आप कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने में विफल रही थी।
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करे, क्योंकि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस उम्मीदों से कमतर प्रदर्शन कर सकी।
भाकपा महासचिव डी. राजा ने कहा कि कांग्रेस हरियाणा के चुनाव परिणामों पर गंभीरता से आत्मचिंतन करे और महाराष्ट्र तथा झारखंड में आगामी चुनावों में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सभी सहयोगियों को साथ लेकर चले। कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है।
इस बीच, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। रमेश ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले स्थान पर थी।
गठबंधन का एक धर्म होता है, जो आपस की बात होती है वो एक दूसरे से बोलते हैं मीडिया के माध्यम से नहीं बोलते।’’ उन्होने यह भी कहा, ‘‘महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करना हमारा कर्तव्य बनता है और हम अपने साथी दलों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।’’