Haryana Congress MLA Surender Panwar: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को अवैध खनन मामले में हरियाणाकांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे कुछ महीने पहले हरियाणा पुलिस द्वारा यमुनानगर, सोनीपत और आसपास के जिलों में अवैध खनन के संबंध में दर्ज की गई कई एफआईआर के बाद एजेंसी ने उनके आवास पर छापा मारा था। लीज समाप्ति अवधि और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी बोल्डर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन की जांच के लिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दायर किया गया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता एवं हरियाणा के विधायक सुरेंद्र पंवार को ‘‘अवैध’’ खनन से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी। संघीय एजेंसी ने जनवरी में 55 वर्षीय विधायक के परिसरों पर छापेमारी की थी।
इसके बाद पुलिस ने इस मामले में यमुनानगर से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह और उनके एक सहयोगी को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद भी यमुनानगर और इसके आसपास के जिलों में पत्थर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन को लेकर हरियाणा पुलिस की ओर से कई प्राथमिकी दर्ज की गई थीं।
धन शोधन का यह मामला भी इसी से संबंधित है। केंद्रीय एजेंसी ‘ई-रवाना’ योजना में कथित धोखाधड़ी की भी जांच कर रही है। ‘ई-रवाना’ एक ऑनलाइन पोर्टल है, जिसे हरियाणा सरकार ने रॉयल्टी और कर संग्रह को आसान बनाने तथा खनन क्षेत्रों में कर चोरी को रोकने के लिए 2020 में शुरू किया था।
ईडी ने सोनीपत में पंवार और उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों, करनाल में भाजपा नेता मनोज वाधवा के आवास और यमुनानगर जिले में इनेलो विधायक दिलबाग सिंह और उनके सहयोगियों के आवासों की तलाशी ली थी। बाद में सिंह को आगे की पूछताछ के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी की टीमों के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के सशस्त्र जवान तैनात थे।
मनी लॉन्ड्रिंग का मामला हरियाणा पुलिस की कई प्राथमिकियों से जुड़ा है। पट्टा समाप्ति अवधि और अदालत के आदेश के बाद भी यमुनानगर और आसपास के जिलों में अतीत में हुए बोल्डर, बजरी और रेत के कथित अवैध खनन की जांच के लिए दर्ज की गई थीं। केंद्रीय एजेंसी 'ई-रावण' योजना में कथित धोखाधड़ी की भी जांच कर रही है, एक ऑनलाइन पोर्टल जिसे रॉयल्टी और करों के संग्रह को आसान बनाने और खनन क्षेत्रों में कर चोरी को रोकने के लिए 2020 में हरियाणा सरकार द्वारा लाया गया था।