नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से हाहकार मचा हुआ है। शुक्रवार को यमुना का जलस्तर सुबह 6 बजे 208.46 मीटर था जो अब भी खतरे के निशान यानी कि 205.33 से ऊपर है। यमुना के जलस्तर को हो रही लगातार वृद्धि के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवालहरियाणा के हथिनिकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी को जिम्मेदार बता रहे हैं। केजरीवाल ने इसे लेकर गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी भी लिखी थी।
अब केजरीवाल को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जवाब दिया है। खट्टर ने कहा, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर का कहना है, "बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है और इस पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। हम बैराज में पानी को नियंत्रित नहीं कर सकते। सीमा पार होने पर बैराज से पानी अपने आप छोड़ दिया जा जाता है। यमुना में 1 लाख क्यूसेक पानी था, जो अगले दिन अचानक बढ़कर 3.70 लाख क्यूसेक हो गया। जहां तक पानी छोड़ने की बात है, हमने अरविंद केजरीवाल से कहा है कि हम बैराज में सीमित मात्रा में ही पानी को नियंत्रित कर सकते हैं।"
दरअअसल अरविंद केजरीवाल ने अपनी चिठ्ठी में लिखा था, "दिल्ली में यमुना में पानी का स्तर दिल्ली की बारिश की वजह से नहीं बढ़ रहा, बल्कि हरियाणा में स्थित हथिनीकुंड बैराज से छोड़े जाने वाले पानी की वजह से लगातार बढ़ रहा है। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि यदि संभव हो तो हथिनीकुंड बैराज से पानी को एक सीमित गति से ही छोड़ा जाए ताकि दिल्ली में यमुना का स्तर और न बढ़े।"
बता दें कि यमुना के भारी उफान के कारण राजधानी की कई सड़कें नदियों में बदल गईं हैं। जिसके कारण यमुना के सीमावर्ति इलाकों के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थिति को देखते हुए दिल्ली के लाल किला, कश्मीरी गेट, सिविल लाइंस, राजघाट और आईटीओ समेत शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने लाल किला को शुक्रवार को आगंतुकों के लिए बंद कर दिया है।