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हरियाणा चुनाव: अशोक तंवर का आरोप, 'बेची गई हैं कांग्रेस की 22 टिकटें' कुमारी शैलजा और हुड्डा ने नहीं दिया आरोपों को भाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 13, 2019 09:21 IST

Ashok Tanwar: हाल ही में कांग्रेस पार्टी छोड़ने वाले अशोक तंवर ने कहा है कि पार्टी में कुछ लग उनकी राजनीतिक हत्या पर आमादा रहे हैं, लेकिन सत्ता में आने के उनके मनसूबे कभी पूरे नहीं हो पाएंगे

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ठळक मुद्देअशोक तंवर ने लगाया हरियाणा चुनावों में कांग्रेस के टिकट बेचने के आरोप कुमारी शैलजा और भूपिंदर सिंह हुड्डा ने किया आरोपों को खारिज

चंडीगढ़, बलवंत तक्षक: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर के बयानों को नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा न कोई भाव दे रही हैं और न विपक्ष के नेता भूपिसिंह हुड्डा। तंवर आरोप लगा रहे हैं कि हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की 22 टिकटें बेचीं गई हैं। उन्होंने विरोध स्वरूप कांग्रेस पार्टी भी छोड़ दी है। 

तंवर के अध्यक्ष रहते पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे तरुण भंडारी शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर की मौजूदगी में अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए। साढ़े पांच साल से भी ज्यादा समय तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे तंवर विधानसभा चुनावों के दौरान पद से हटाए जाने से इतने नाराज थे कि पंद्रह दिन बाद ही उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया। कांग्रेस छोड़ने की घोषणा के साथ ही उन्होंने जननायक जनता पार्टी (जजपा) के उम्मीदवारों को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। 

तंवर का आरोप, कांग्रेस की 22 टिकटें बेची गईं हैं?

उन्होंने कहा कि पार्टी में कुछ लग उनकी राजनीतिक हत्या पर आमादा रहे हैं, लेकिन सत्ता में आने के उनके मनसूबे कभी पूरे नहीं हो पाएंगे। तंवर के कांग्रेस पार्टी छोड़ देने के सवाल पर जब कुमारी शैलजा से सवाल किया गया तो उन्होंने केवल इतना कह कर बात खत्म कर दी, यह पार्टी का आंतरिक मामला है। यही सवाल जब हुड्डा से किया गया तो उनका कहना था, मैं व्यक्तिगत मामलों पर कभी किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करता। तंवर ने हाल में चंडीगढ़ पहुंच कर भी एक प्रेस कांफ्रेंस की और आरोप लगाए कि कांग्रेस में 22 टिकटें बेची गई हैं। 

इस बारे में जब कांग्रेस के हरियाणा मामलों के प्रभारी गुलामनबी आजाद से सवाल किया गया तो उनका कहना था, आरोप हैं, आरोपों का क्या? कांग्रेस नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने के फैसले को तंवर स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उनकी कोशिश चुनावों में कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने की है, लेकिन लोग इसे अच्छे से समझते हैं कि उनके पार्टी विरोधी रु ख की असल वजह क्या है? इसी कारण उनके कहे को पार्टी के वरिष्ठ नेता कोई भाव नहीं दे रहे हैं।

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