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Haryana polls 2024: 25 सितंबर को पहली रैली को संबोधित करेंगी मायावती, हरियाणा में बसपा और इनेलो में गठजोड़, जानें गणित

By राजेंद्र कुमार | Updated: September 13, 2024 15:32 IST

Haryana Assembly Elections 2024: बसपा प्रमुख मायावती के भतीजे और राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद चुनाव प्रचार का दायित्व संभाले हुए हैं.

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ठळक मुद्देबसपा इस बार हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं.बसपा ने 37 और इनेलो ने 53 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. दलित समाज पर पकड़ होने के नाते बसपा को कई सीटों पर जीत भी हासिल हुई है.

Haryana Assembly Elections 2024: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती हरियाणा में 25 सितंबर को पार्टी की पहली चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगी. देश के उप राष्ट्रपति रहे देवीलाल की जयंती पर 25 सितंबर को मायावती हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ मिलकर इस भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलेंगी. बसपा नेताओं के अनुसार, इस बार हरियाणा के विधानसभा चुनावों में बसपा और इनेलो का गठबंधन भाजपा और कांग्रेस को अपनी ताकत का अहसास कराएगा. इस गठबंधन के जीते नेता ही हरियाणा में सरकार के गठन में अहम रोल निभाएंगे. फिलहाल वहां मायावती के भतीजे और पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद चुनाव प्रचार का दायित्व संभाले हुए हैं.

इसलिए हुआ इनेलो से गठबंधन

बसपा इस बार हरियाणा में इनेलो के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही हैं. इस गठबंधन के तहत बसपा ने 37 और इनेलो ने 53 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं. बसपा नेताओं का दावा है कि हरियाणा में पार्टी का बड़ा आधार है और दलित समाज पर पकड़ होने के नाते हरियाणा में बसपा को कई सीटों पर जीत भी हासिल हुई है.

लेकिन कुछ चुनावों में देश के अन्य राज्यों की तरह ही हरियाणा में भी बसपा का जनाधार घटा. हालांकि हरियाणा में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए मायावती के बीते पंद्रह वर्षों में इनेलो, जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) और लोसुपा (लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी ) के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा, लेकिन पार्टी को अपेक्षित जीत चुनावों में हासिल नहीं हुई.

बसपा नेताओं का कहना है कि हरियाणा में जेजेपी बनने के बाद से इनेलो का वोट बैंक लगातार कम हुआ है. बसपा के साथ भी ऐसा ही हुआ है. ऐसे में बसपा और इनेलो के नेताओं ने अकेले चुनाव मैदान में उतारने के बजाए मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया. इस फैसले के तहत मायावती की यह कोशिश है कि इनेलो और बसपा के वोट गठबंधन के उम्मीदवारों को मिले.

ताकि हरियाणा में बसपा और इनेलो के प्रभाव वाली सीटों पर पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की जा सके. अब इसी सोच के तहत मायावती ने हरियाणा में इनेलो के साथ मिलकर चुनावी सभा को संबोधित करने का फैसला किया है.

इसी क्रम में 25 सितंबर को बसपा और इनेलो की पहली संयुक्त चुनावी जनसभा होगी. इसके बाद मायावती चार और जनसभाओं को हरियाणा में संबोधित करेंगी. यह चार जनसभाएं कहाँ और किस तारीख को होगी जल्दी ही इसका ऐलान किया जाएगा.  

टॅग्स :हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019बीएसपीमायावतीइंडियन नेशनल लोक दलOm Prakash Chautala
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