हरिद्वार धर्म संसद मामलाः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, 23 फरवरी तक दिया समय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 22, 2022 07:54 AM2022-02-22T07:54:10+5:302022-02-22T08:03:03+5:30
न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 23 फरवरी से पहले इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
नैनीतालः उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मुसलमानों के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण देने संबंधी हरिद्वार धर्म संसद मामले में सोमवार को राज्य सरकार से अपना रुख बताने को कहा। न्यायमूर्ति आर सी खुल्बे ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से 23 फरवरी से पहले इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
जमानत याचिका पर आगे की सुनवाई 23 फरवरी को होगी। हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके के निवासी नदीम अली की शिकायत के आधार पर दो जनवरी, 2022 को रिजवी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
गौरतलब है कि हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर को आयोजित हुई 'धर्म संसद' में हिंदुत्व को लेकर साधु-संतों ने विवादित भाषण दिए थे। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। मामले में शिकायत के बाद हरिद्वार पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी को गिरफ़्तार किया था। ये इस मामले में हुई पहली गिरफ्तारी थी। धर्म संसद बीते साल दिसंबर 17 से लेकर 19 तक आयोजित की गई थी।