बेंगलुरु: H3N2 (H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस) वायरस से मौत का पहला मामला कर्नाटक में सामने आया है। सामने आई जानकारी के अनुसार हासन जिले में एच3एन2 वायरस से पीड़ित एक वृद्ध शख्स की मौत हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आयुक्त रणदीप ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार हरियाणा में भी एक मौत हुई है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।
टीवी9 की एक रिपोर्ट के अनुसार बुखार, सर्दी और गले की समस्या से जूझ रहे 85 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई है। राज्य के जिलों में एच3एन2 वायरस पहले से ही बढ़ गया है। राज्य में 50 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इसमें हासन में छह लोगों के एच3एन2 वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
इस बीच स्वास्थ्य विभाग ने 60 साल की उम्र से अधिक के लोगों पर नजर रखने के लिए कदम उठाए हैं। वहीं, कमिश्नर रणदीप ने इस पहली मौत को लेकर जांच कराने की बात कही है।
एक मार्च को शख्स की हुई थी मौत
हासन जिले के अलूर में इस वृद्ध व्यक्ति की एक मार्च को मौत हुई थी। वह खांसी, गले में खराश आदि से पीड़ित था। अब ऐहतियातन मृत शख्स के करीब रह रहे लोगों और गांव में अन्य लोगों की जांच की जा रही है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) डॉ. शिवास्वामी ने बताया है कि है कि सभी के स्वास्थ्य की जांच की गई है और गले के स्वैब को जांच के लिए लैब भेजा गया है।
बता दें कि कोविड के बाद अब H3N2 वायरस ने चिंता बढ़ा दी है। पहले से ही राज्य के कई जिलों में H3N2 वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़ने की बात सामने आई है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक करने के बाद राज्य सरकार ने भी संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार H3N2 वायरस का संक्रमण कम से कम 5 से 7 दिनों तक प्रभावी रहता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को संक्रमण का खतरा सबसे अधिक होता है। 15 से 65 साल के लोगों के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा है। इसलिए सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन में भी कहा गया है कि इस आयु वर्ग के लोगों को ज्य़ादा सावधानी बरतने की जरूरत है।