ज्ञानवापी मामला: सील वजूखाने की 20 जनवरी को सुबह नौ बजे से सफाई होगी, जिला प्रशासन रहेगा मौजूद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 19, 2024 01:21 PM2024-01-19T13:21:23+5:302024-01-19T13:22:44+5:30

यह टंकी उस जगह पर है जिसे सील कर दिया गया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में पानी की टंकी की सफाई का आदेश दिया था।

Gyanvapi case Sealed vajukhana will be cleaned on January 20 from 9 am | ज्ञानवापी मामला: सील वजूखाने की 20 जनवरी को सुबह नौ बजे से सफाई होगी, जिला प्रशासन रहेगा मौजूद

फाइल फोटो

Highlightsजिला प्रशासन ने शनिवार, 20 जनवरी को सुबह नौ बजे से सफाई शुरू करने का फैसला किया हैउच्चतम न्यायालय द्वारा अनुमति दिये जाने के बाद लिया फैसलायह टंकी उस जगह पर है जिसे सील कर दिया गया है

वाराणसी:  उच्चतम न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद में पानी की टंकी (वजूखाना) को साफ करने की अनुमति दिये जाने के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार, 20 जनवरी को सुबह नौ बजे से सफाई शुरू करने का फैसला किया है। उच्चतम न्यायालय ने 16 जनवरी को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में पानी की टंकी की सफाई के लिए हिंदू महिला वादियों की एक अपील को अनुमति दे दी थी। 

यह टंकी उस जगह पर है जिसे सील कर दिया गया है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट की देखरेख में पानी की टंकी की सफाई का आदेश दिया था। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने बृहस्पतिवार को हिंदू पक्ष और अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के साथ अलग-अलग बैठक की और निर्णय लिया कि शनिवार को सुबह करीब नौ बजे सफाई का काम शुरू होगा। यादव ने बताया कि सफाई का काम सुबह करीब 11 बजे तक पूरा हो जायेगा। 

सफाई के दौरान टंकी में से मृत पड़ी मछलियों को बाहर निकाला जाएगा तथा जिंदा मछलियां मस्जिद कमेटी के संयुक्त सचिव मोहमद यासीन को सौंप दी जाएंगी। फिर, पंप की मदद से टंकी का पूरा पानी निकाला जाएगा और उसमें जमा काई को हटाते हुए सफाई की जाएगी। इस टंकी को मुस्लिम वजूखाना कहते हैं। सफाई के दौरान दोनों पक्षों के दो-दो प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। यादव ने बताया कि सफाई का काम इस तरह से किया जाएगा कि ना तो किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हों और ना ही वहां मिले तथाकथित शिवलिंग को कोई नुकसान पहुंचे। 

वाराणसी जिला अदालत ने पिछले साल 21 जुलाई को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को यह पता लगाने के लिए ‘विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का निर्देश दिया था कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद का निर्माण किसी मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है या नहीं। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने मस्जिद परिसर के ‘‘वजूखाने’’ को संरक्षित रखने का आदेश दिया था जिसके कारण यह हिस्सा सर्वेक्षण का हिस्सा नहीं होगा। हिंदू वादियों ने इस स्थान पर ‘शिवलिंग’ होने का दावा किया है। हिंदू कार्यकर्ताओं का दावा है कि इस स्थान पर पहले एक मंदिर था और 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश पर इसे ध्वस्त कर दिया गया था। 

(इनपुट- भाषा)

Web Title: Gyanvapi case Sealed vajukhana will be cleaned on January 20 from 9 am

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