गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रहेगा गुवाहाटी हवाई अड्डे का नाम: हिमंत

By भाषा | Published: August 18, 2021 08:29 PM2021-08-18T20:29:14+5:302021-08-18T20:29:14+5:30

Guwahati airport to be named after Gopinath Bordoloi: Himanta | गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रहेगा गुवाहाटी हवाई अड्डे का नाम: हिमंत

गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रहेगा गुवाहाटी हवाई अड्डे का नाम: हिमंत

गुवाहाटी हवाई अड्डे का नाम कथित रूप से बदलने पर विवाद के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बुधवार को कहा कि इस प्रतिष्ठान को हमेशा लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नाम से ही जाना जाएगा। गुवाहाटी हवाईअड्डे को गुजरात स्थित अडाणी समूह को सौंपे जाने के विरोध में विपक्षी दल, छात्र और युवा संगठन विरोध कर रहे हैं, मंगलवार और बुधवार को यहां कुछ समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित होने के बाद इस प्रतिष्ठान के नाम पर विवाद खड़ा हो गया है। विज्ञापन अडाणी गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (एजीआईएएल) द्वारा लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एलजीबीआईए) में कुछ गैर-वैमानिकी सेवाओं के लिए बोलियां आमंत्रित करते हुए जारी किया गया था। सरमा ने गोलाघाट में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई भी हवाई अड्डे का नाम नहीं बदल सकता। यह लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा बना रहेगा। किसी को भी नाम को लेकर कोई चिंता नहीं करनी चाहिए।’’ उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक वह असम के मुख्यमंत्री हैं और नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं, तब तक हवाई अड्डे का नाम नहीं बदला जाएगा। हवाई अड्डे का नाम असम के पहले मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रखा गया है। भारत रत्न पुरस्कार विजेता अभी भी भारत के विभाजन के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान के साथ पूर्वोत्तर को विलय से बचाने वाले उद्धारकर्ता के रूप में राज्य के लोगों के बीच सम्मानित हैं। पिछले साल 19 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एएआई के तीन हवाई अड्डों- गुवाहाटी, जयपुर और तिरुवनंतपुरम को संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए 50 साल के लिए अडाणी एंटरप्राइजेज को पट्टे पर देने की मंजूरी दी थी। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा ने दावा किया कि हवाई अड्डे पर लगे साइनबोर्ड से पता चलता है कि यह अब अडाणी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। बोरा ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अडाणी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के नाम से अखबारों में एक विज्ञापन भी छपा था। हमने अडाणी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम बदलने का मुद्दा उठाया था, लेकिन असम सरकार ने इससे इंकार कर दिया।’’ उन्होंने मांग की कि सरकार स्पष्ट करे कि अडाणी समूह के साथ हवाईअड्डे का नाम एलजीबीआईए रखने के लिए समझौते में कोई व्यवस्था है या नहीं । उन्होंने सवाल किया कि तो फिर विज्ञापन अडाणी गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नाम से क्यों छपा है?’’ एक अन्य विपक्षी दल असम जातीय परिषद (एजेपी) ने भी गुवाहाटी हवाई अड्डे के नाम के कथित परिवर्तन का विरोध किया। एजेपी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई ने एक प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में अखबार का विज्ञापन दिखाते हुए कहा, ‘‘अब यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार पूरी तरह से अडाणी को हवाई अड्डे को सौंपना चाहती है। इसका नाम गोपीनाथ बोरदोलोई के नाम पर रखा गया है और यह एक भावनात्मक मुद्दा है।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी हवाईअड्डे का नाम बदलने के साथ-साथ इसे निजी कंपनी को देने के किसी भी प्रयास को कभी स्वीकार नहीं करेगी और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी रखेगी। एजेपी ने इस महीने की शुरुआत में दो बार हवाईअड्डे पर अडाणी को सौंपे जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण उसके कई सदस्यों को हिरासत में लिया गया। ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (एएएसयू) के महासचिव शंकरज्योति बरुआ ने कहा कि संगठन हवाई अड्डे के लिए लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई के अलावा किसी अन्य नाम को कभी स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हवाईअड्डे के नाम को विकृत करने के लिए ऐसा कोई प्रयास किया जाता है तो हम विरोध करेंगे। हम मांग करते हैं कि असम सरकार विज्ञापन को स्पष्ट करे, जो एलजीबीआईए के लिए अडाणी गुवाहाटी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड के नाम पर प्रकाशित किया गया था।’’ असम जातिवादी युवा छात्र परिषद के महासचिव पलाश चांगमई ने भी नाम बदलने का विरोध किया और नए नाम के साथ लगे किसी भी साइनबोर्ड को तोड़ने की धमकी दी। उन्होंने कहा, ‘‘शिवसेना ने मुंबई हवाईअड्डे के सामने अडाणी का साइनेज तोड़ दिया। अगर वे (अडाणी समूह) गुवाहाटी में ऐसा करने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें हमारे द्वारा इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।’’ 2 अगस्त को, शिवसेना कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मुंबई में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास एक ‘‘अडाणी एयरपोर्ट’’ नियॉन साइनबोर्ड में कथित रूप से तोड़फोड़ की। अडाणी समूह की नौ सदस्यीय टीम ने 9 अगस्त को एलजीबीआईए में ‘‘अवलोकन अवधि’’ शुरू की, जो पूर्वोत्तर के सबसे प्रमुख हवाई अड्डे के क्रमिक अधिग्रहण का प्रतीक है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) और अडाणी समूह के बीच इस साल 19 जनवरी को नई दिल्ली में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। हवाईअड्डे के पास की जमीन भी निजी कंपनी को 50 साल की अवधि के लिए लीज पर दी गई है ताकि उड्डयन संबंधी कारोबार और सुविधाएं विकसित की जा सकें। 2018 में, केंद्र ने एएआई के छह हवाई अड्डों - गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरु को संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए पट्टे पर दिया था।

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