Guna Bus Fire: गुना हादसे में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, कलेक्टर-SP को हटाया: RTO-CMO सस्पेंड; बस में आग से 13 लोग जिंदा जले थे, DNA टेस्ट से होगी पहचान
By आकाश सेन | Published: December 28, 2023 10:32 PM2023-12-28T22:32:17+5:302023-12-28T22:35:46+5:30
भोपाल: गुना बर्निंग बस हादसे में एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव का बड़ा एक्शन देखने को मिला है । सीएम ने मामले में ट्रांसपोर्ट कमिश्नर, कलेक्टर-SP को हटाने के साथ ही RTO-CMO को भी सस्पेंड कर दिया है ।
भोपाल: गुना बस हादसे में मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। गुना कलेक्टर तरुण राठी और एसपी विजय कुमार खत्री के साथ ही परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा को हटा दिया है। कलेक्टर का अतिरिक्त प्रभार जिला पंचायत CEO प्रथम कौशिक को सौंपा गया है। RTO रवि बरेलिया को सस्पेंड कर दिया गया है।फायर ब्रिगेड देर से पहुंचने के कारण CMO चीफ म्युनिसिपल ऑफिसर बीडी कतरोलिया को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। अब लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सुखवीर सिंह से परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिया गया है। अब अपर मुख्य सचिव गृह विभाग राजेश राजौरा को अपर मुख्य सचिव परिवहन विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। परिवहन विभाग में पदस्थ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अरुण कुमार सिंह की सेवाएं भी सामान्य प्रशासन विभाग में वापस ले ली गई हैं। सिंह को उप सचिव, सामान्य प्रशासन में पदस्थ किया गया है।
एमपी के गुना में बुधवार को डंपर से टक्कर के बाद यात्री बस में आग लग गई थी। हादसे में 13 लोग जिंदा जल गए थे। 11 शव बस के अंदर जबकि दो गेट के पास मिले थे। शवों की हालत ऐसी है कि मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। 16 लोग झुलस गए थे। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को दोपहर गुना के जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की।
रजिस्ट्रेशन-बीमा नहीं था, फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर
गौरतलब है कि हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। दो-ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया जा सका।
परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, बस का रजिस्ट्रेशन और बीमा नहीं था। फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो चुका था। घायल यात्रियों के बयान के आधार पर बस मालिक भानु प्रताप सिकरवार, ड्राइवर और डंपर चालक के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। FIR में बस और डंपर चालकों के नाम नहीं लिखे हैं। केवल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर दर्ज किए गए हैं।
सात शव एक-दूसरे से चिपके हुए थे
हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके हुए थे। इनको बाहर निकालने में कर्मचारियों के हाथ कांप गए। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पा रहे हैं।
चार सदस्यीय जांच समिति गठित, तीन दिन में सौंपेगी रिपोर्ट
CM डॉ. मोहन यादव के आदेश पर अपर जिला दंडाधिकारी मुकेश कुमार शर्मा की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित कर दी गई है। समिति तीन दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। सीएम ने मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की सहायता देने के निर्देश भी दिए हैं।
DNA जांच के आधार पर की जाएगी शवों की शिनाख्त
गुना जिला अस्पताल में गुरुवार सुबह डॉ. ध्रुव कुशवाह, डॉ. सुनील दांगी, डॉ. सतीश सिनोरिया, डॉ. महेंद्र सिंह किरार और डॉ. कमल सिंह मीणा के पैनल ने शवों का पोस्टमॉर्टम किया। शव की शिनाख्त के लिए DNA जांच कराई जाएगी। लापता लोगों के परिजन के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जाएंगे। बताया जा रहा है कि फिलहाल, 6 शव गुना के जिला अस्पताल में सुरक्षित रखे गए हैं जबकि 7 शिवपुरी अस्पताल भेजे गए हैं। DNA जांच रिपोर्ट के आधार पर शवों की शिनाख्त कर परिवार वालों को सौंपा जाएगा।