गौरीमर्ग अर्थात गुलमर्ग: सुहावना मौसम, देवदार के पेड़ और खूबसूरत झीलें, जानिए इस पर्यटन स्थल के बारे में
By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 18, 2023 13:55 IST2023-08-18T13:54:06+5:302023-08-18T13:55:42+5:30
गुलमर्ग का सुहावना मौसम, शानदार परिदृश्य, फूलों से खिले बगीचे, देवदार के पेड़, खूबसूरत झीलें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। गुलमर्ग अपनी हरियाली और सौम्य वातावरण के कारण आज एक पिकनिक और कैम्पिंग स्पाट बन गया है।

गंडोला राईड जो कि केबल कार सिस्टम है, गुलमर्ग का प्रमुख आकर्षक स्थल है
श्रीनगर: गुलमर्ग का अर्थ है फूलों की वादी। जम्मू कश्मीर के बारामुल्ला जिले में लगभग 2730 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुलमर्ग, की खोज 1927 में अंग्रेजों ने की थी। यह पहले गौरीमर्ग के नाम से जाना जाता था, जो भगवान शिव की पत्नी गौरी का नाम है। फिर कश्मीर के अंतिम राजा, राजा युसूफ शाह चक ने इस स्थान की खूबसूरती और शांत वातावरण में मग्न होकर इसका नाम गौरीमर्ग से गुलमर्ग रख दिया।
गुलमर्ग का सुहावना मौसम, शानदार परिदृश्य, फूलों से खिले बगीचे, देवदार के पेड़, खूबसूरत झीलें पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। गुलमर्ग अपनी हरियाली और सौम्य वातावरण के कारण आज एक पिकनिक और कैम्पिंग स्पाट बन गया है। गंडोला राईड जो कि केबल कार सिस्टम है, गुलमर्ग का प्रमुख आकर्षक स्थल है। यह दो और पांच किमी की लम्बी राईड है, गुलमर्ग से कौंगडोर और कौंगडोर से अफरावत। इस राईड में आप पूरे हिमालय पर्वत और गंडोला गांव को देख सकते हैं।
कौंगडोर का गंडोला स्टेशन 3099 मीटर और अफरावत 3979 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गंडोला राईड भ्रमण के लिए बहुत ही बढ़िया साधन है।
गंडोला लिफ्ट एक केबल कार है जिसका डिजाइन कश्मीर सरकार और फ्रेंच कंपनी पोमागाशी ने मिलकर बनाया है। इससे पर्यटक पूरे गुलमर्ग को देख पाते हैं, जिसके कारण यह लिफ्ट काफी लोकप्रिय है। समुद्रतल से 13500 फीट ऊंची यह लिफ्ट 5 किमी की 2 दूरियां तय करती है। एक गुलमर्ग से कौंगडोर और दूसरी कौंगडोर से अफरावत। कौंगडोर - गंडोला स्टेशन 3099 मीटर ऊंचा है, और अफरावत स्टेशन 3979 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
गुलमर्ग से कौंगडोर की यह राईड 19 टावरों को पार करती है। एक घंटे में इसकी क्षमता 1500 लोगों की है। कौंगडोर से अफरावत राईड में भी 19 टावर पार होते हैं, पर इसकी क्षमता एक घंटे में 600 लोगों की है। निंगली नाला और आटर सर्कल वाक, गुलमर्ग के दो अन्य प्रमुख आकर्षक स्थल है। अफरात पहाड़ी की पिघलती बर्फ निंगली नाला में बहती है। आगे यह पहाड़ों से गुजरते हुए सोपोर में झेलम नदी संग जुड जाता है। खिलनमर्ग में बने पुल से यात्री इस नाले को देख सकते हैं, जो गुलमर्ग का एक और पर्यटक स्थल है। आटर सर्कल वाक भी कश्मीर का पर्यटक स्थल है। इस वाक में, सैलानी कश्मीर की वादियों की सैर के साथ साथ 8500 मीटर ऊंची विश्व की चौथी ऊंची पहाडी नंगा पर्वत को देख सकते हैं।
निंगली नाला, वेरीनाग और फिरोजपुर नाला यहां के कुछ प्रमुख नाले अर्थात झरने हैं। कहा जाता है कि वेरीनाग नाले के पानी में कुछ औषधीय गुण मौजूद है, जिसके कारण यहाँ कई सैलानी आते हैं। बायोस्पीयर रिजर्व भी गुलमर्ग का प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है। अलपाथर झील गुलमर्ग से 13 किमी दूर है, और यह गुलमर्ग का पर्यटक स्थल भी है। इस झील की खासियत यह है कि जून तक इसमें बर्फ जमी रहती है और गर्मियों में इसका पानी बर्फ के टुकडो संग निंगली नाला में बहने लगता है। इस झील के आस पास बर्फ से ढक्की पहाड़िया इसे और भी आकर्षक बनाती हैं।
इनके अलावा गुलमर्ग में और भी कई पर्यटक स्थल हैं। जैसे कि बाबा रेशी की दरगाह, फिशिंग पांड, बनीबल नाग, कौंतर नाग, और सोनमर्ग। ये सारे यहां के पिकनिक और कैम्पिंग स्पाट हैं। सोनमर्ग, जिसे सोने का मैदान भी कहा जाता है, यहां से आप हिन्दुओं के धार्मिक स्थान अमरनाथ की ओर जा सकते हैं। इनके अलावा श्रीनगर - लेह मार्ग द्वारा लद्दाख और जोजिला भी जा सकते हैं। गुलमर्ग जाने का सबसे अच्छा समय वैसे तो सैलानी साल के किसी भी मौसम में गुलमर्ग घूमने जा सकते हैं। पर गुलमर्ग की खूबसूरती देखने का सबसे बढ़िया समय मार्च और अक्तूबर के बीच है।
दृंग, जिसकी खोज हाल ही में हुई है, गुलमर्ग का सबसे बढ़िया पिकनिक स्पाट बनता जा रहा है। सैलानी यहां कि खूबसूरती के साथ - साथ मछली पकड़ने का भी लुफ्त उठा सकते हैं। खिलनमर्ग , गुलमर्ग का एक और अन्य पर्यटक स्थल है, जो अपनी प्राकृतिक सौन्दर्यता के लिए प्रसिद्ध है। देवदार के पेड़ों और सुन्दर फूलों से ढका यह स्थान कैम्पिंग और पर्यटक के लिए उत्तम स्थल हैं।