गुजरातः चूडासमा का चुनाव रद्द होने से बदला राज्यसभा चुनाव का गणित, बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार के चुने जाने पर सस्पेंस बढ़ा
By शीलेष शर्मा | Updated: May 13, 2020 06:48 IST2020-05-13T06:48:00+5:302020-05-13T06:48:00+5:30
Gujrat Rajya Sabha elections: कांग्रेस के 5 विधायकों को तोड़ने में भी भाजपा कामयाब हो गई थी, जिससे कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 68 पर पहुंच गई थी. राज्य विधानसभा में 2 स्थान अभी रिक्त हैं. भाजपा के पास 103 विधायकों का समर्थन था, लेकिन चूडासमा का निर्वाचन रद्द होने के बाद अब भाजपा का संख्या बल 102 हो गया है.

गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा का निर्वाचन रद्द. (फाइल फोटो)
नई दिल्लीः गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा का निर्वाचन रद्द किए जाने संबंधी गुजरात हाईकोर्ट के आए फैसले के बाद राज्य में चार सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनावों का गणित दिलचस्प हो गया है. भाजपा ने इन चुनावों के लिए तीन उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों पर दांव लगाया है. चुनाव मार्च में होने थे और भाजपा मानकर चल रही थी कि वह तीनों उम्मीदवारों को जीत दिलाने में कामयाब हो जाएगी.
कांग्रेस के 5 विधायकों को तोड़ने में भी भाजपा कामयाब हो गई थी, जिससे कांग्रेस विधायकों की संख्या घटकर 68 पर पहुंच गई थी. राज्य विधानसभा में 2 स्थान अभी रिक्त हैं. भाजपा के पास 103 विधायकों का समर्थन था, लेकिन चूडासमा का निर्वाचन रद्द होने के बाद अब भाजपा का संख्या बल 102 हो गया है.
कांग्रेस को निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी का समर्थन प्राप्त है. सदन में सदस्यों की कुल संख्या 174 रह गई है और साफ है कि राज्यसभा के चुनाव का फैसला द्वितीय वरीयता के आधार पर ही हो सकेगा. ऐसे में कांग्रेस के दोनों उम्मीदवारों भरत सिंह सोलंकी और शक्तिसिंह गोहिल के उच्च सदन पहुंचने की उम्मीद बढ़ गई है. भाजपा ने रमीला बेन बारा, नरहरि अमीन और अभय भारद्वाज को मैदान में उतारा है, जिनमें से किसी एक की राह बेहद कठिन हो गई है.
चूडासमा को भाजपा से निकालें पीएम
सिब्बल भाजपा चूडासमा की सदस्यता को बचाने की कोशिश में है और सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. इस बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा है कि यदि हाईकोर्ट में भ्रष्ट आचरण सिद्ध होता है तो सुप्रीम कोर्ट स्थगन आदेश नहीं देता. सिब्बल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह चूडासमा को भाजपा से बाहर करें, ताकि स्वच्छ राजनीति का रास्ता साफ हो सके.