गुजरात: नयी मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिलने पर पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री नाखुशी जताते नजर नहीं आ रहे
By भाषा | Updated: September 17, 2021 20:16 IST2021-09-17T20:16:15+5:302021-09-17T20:16:15+5:30

गुजरात: नयी मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिलने पर पूर्ववर्ती सरकार के मंत्री नाखुशी जताते नजर नहीं आ रहे
अहमदाबाद, 17 सितंबर गुजरात में 24 नये मंत्रियों को मंत्री पद की शपथ दिलाये जाने के एक दिन बाद पूर्ववर्ती विजय रूपाणी नीत मंत्रिपरिषद के सदस्य नाखुशी प्रकट करते नहीं नजर आ रहे।
पूर्ववर्ती सरकार के किसी भी मंत्री को नव नियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल नीत मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिली है। पटेल ने दो दिन पहले रूपाणी की जगह ली। पूर्व मंत्रियों ने या तो चुप्पी साधे रखी है या भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अपनाए गए ‘नो रिपीट’ फार्मूले का समर्थन किया है।
रूपाणी सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने गहरे विचार-विमर्श के बाद ही फैसला लिया होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के इतिहास में शायद यह पहली बार है कि इस तरह का कदम उठाया गया है जिसमें मुख्यमंत्री सहित हर किसी को बदल दिया गया। पार्टी नेतृत्व ने गुजरात के साथ यह बदलाव शुरू किया है। ’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि यह किस तरह से लोगों को प्रभावित करता है। नये मंत्री उनके सहकर्मी हैं और वह उन्हें बधाई देते हैं।
हालांकि इस घटनाक्रम को लेकर भाजपा के किसी भी नेता ने नाखुशी प्रकट नहीं की है, ऐसे में यह जाहिर है कि सब कुछ ठीक नहीं है क्योंकि शपथ ग्रहण समारोह को एक दिन के लिए टालना पड़ा था।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने उस वक्त नाखुशी प्रकट की थी जब उनसे कहा गया था कि उन्हें नयी मंत्रिपरिषद में जगह नहीं मिलेगी।
हालांकि, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों को लगता है कि खुल कर विरोध नहीं हो रहा है क्योंकि अतीत में जिन लोगों ने पार्टी के खिलाफ बगावत की है, जैसे कि पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल, उन्हें भाजपा के बाहर अपना प्रभाव स्थापित करने में सफलता नहीं मिली।
यहां तक कि कांग्रेस से दलबदल करने के बाद पिछली सरकार में मंत्री बनाये गये कुंवरजी बावलिया जैसे नेताओं तक ने विरोध नहीं किया है।
हालांकि, भाजपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि पार्टी ने हालिया स्थानीय निकाय चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया था क्योंकि उसने नये चेहरों को टिकट दिया था। उन्होंने कहा कि यह रणनीति फायदा पहुंचा सकती है क्योंकि यह सत्ता विरोधी लहर को मंद करती है।
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