पूर्व IPS संजीव भट्ट के खिलाफ व्यक्ति ने लगाया धोखाधड़ी के जरिये पैसे जुटाने का आरोप, अदालत ने दिया जांच का आदेश
By भाषा | Published: September 25, 2019 06:10 AM2019-09-25T06:10:38+5:302019-09-25T06:10:38+5:30
पूर्व पुलिस अधिकारी को 1990 में हिरासत में हुई मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। अदालत ने शाहीबाग पुलिस थाने के निरीक्षक को मामले की जांच करने तथा तीन महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
यहां की एक मेट्रोपोलिटन अदालत ने गांधीनगर के रहने वाले एक व्यक्ति की धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात की शिकायत पर मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट के खिलाफ पुलिस जांच के आदेश दिये। भट्ट हिरासत में मौत के मामले में फिलहाल आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
अमित सोलंकी नामक व्यक्ति ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि भट्ट ने सोशल मीडिया पर ‘इंडियन फाइट फॉर जस्टिस’ अभियान के तहत लोगों को धोखा देकर एक करोड़ 50 लाख रुपये जुटाये थे, जो काला धन को सफेद बनाने का एक प्रयास था । मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ए वाई दवे ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत मामले में जांच के आदेश दिये हैं ।
इस जांच का मकसद यह पता लगाना है कि सोलंकी की शिकायत पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है अथवा नहीं। अदालत ने शाहीबाग पुलिस थाने के निरीक्षक को मामले की जांच करने तथा तीन महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
अपनी शिकायत में, सोलंकी ने कहा कि भट्ट दूसरों के माध्यम से मुकदमा लड़ने और अपने घर के पुननिर्माण के लिए पैसे जुटा रहे थे । उनके घर को हाल ही में नगर निकाय के अधिकारियों ने गिरा दिया था। सोलंकी ने दावा किया कि अब तक 26 लाख रुपये जुटा लिये गए हैं। सोलंकी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि उसने भट्ट को एक ईमानदार अधिकारी मानते हुए 11 हजार रुपये दिये थे।
सोलंकी ने अदालत से मांग की है कि वह पुलिस को धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात) तथा 420 (धोखाधड़ी) के तहत भट्ट के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दे। पूर्व पुलिस अधिकारी को 1990 में हिरासत में हुई मौत के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है।