सूरत दुर्घटना मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया
By भाषा | Updated: January 29, 2021 18:09 IST2021-01-29T18:09:36+5:302021-01-29T18:09:36+5:30

सूरत दुर्घटना मामले में गुजरात उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया
अहमदाबाद, 29 जनवरी गुजरात उच्च न्यायालय ने एक दुर्घटना के सिलसिले में स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दर्ज की है। सूरत जिले में 19 जनवरी को हुई इस दुर्घटना में 15 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई थी।
किम-मांडवी मार्ग पर 19 जनवरी को सड़क किनारे सो रहे 15 लोगों को एक ट्रक ने कुचल दिया था जिसमें एक वर्ष की बच्ची और आठ महिलाएं भी शामिल थीं।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति ए जे शास्त्री की पीठ ने 27 जनवरी को जनहित याचिका पंजीकृत की और पांच सरकारी अधिकारियों को नोटिस जारी किया।
मुख्य सचिव, गृह एवं पत्तन तथा परिवहन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, श्रम एवं रोजगार विभाग के प्रधान सचिव तथा परिवहन आयुक्त को नोटिस जारी किए गए।
पीठ ने कहा कि दुर्घटना के बाद वरिष्ठ वकील अंशीन देसाई ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर स्वत: संज्ञान जनहित याचिका पंजीकृत करने का अनुरोध किया था।
देसाई ने पत्र में कहा कि राज्य सरकार एवं नगर निगमों का संवैधानिक एवं वैधानिक दायित्व है कि गरीबों एवं कमजोर तबके को आवास मुहैया कराई जाए।
उच्च न्यायालय जनहित याचिका पर आठ फरवरी को आगे की सुनवाई करेगा।
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