गुजरात हाईकोर्ट ने 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से किया इनकार, 26 हफ्ते व चार दिन का है भ्रूण

By अनुराग आनंद | Published: January 20, 2021 07:23 AM2021-01-20T07:23:35+5:302021-01-20T07:25:58+5:30

अदालत ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन कानून, 2020 के तहत महिलाओं को 24 हफ्ते तक ही गभर्पात कराने की अनुमति है।

Gujarat High Court refuses to allow abortion to 13-year-old rape victim, fetus is 26 weeks and four days | गुजरात हाईकोर्ट ने 13 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात की अनुमति देने से किया इनकार, 26 हफ्ते व चार दिन का है भ्रूण

सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsउच्च न्यायालय ने नर्मदा जिले के राजपिपला में एक चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों को पीड़िता का इलाज करने का भी निर्देश दियाडॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भ्रूण 26 हफ्ते, चार दिन का है और सही देखभाल हो तो भ्रूण के ठीक रहने की संभावना है।

अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने 13 वर्षीया दुष्कर्म पीड़िता को गर्भपात कराने की इजाजत देने से इनकार कर दिया और राज्य सरकार को उसके परिवार को भोजन और चिकित्सा खर्च के लिए एक लाख रुपये देने का निर्देश दिया। लड़की के परिवार ने इसकी अनुमति मांगी थी।

न्यायमूर्ति बी एन करिया ने डॉक्टरों की टीम की रिपोर्ट पर गौर करने के बाद लड़की को गर्भपात कराने की अनुमति देने से मना कर दिया। डॉक्टरों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भ्रूण 26 हफ्ते, चार दिन का है और सही देखभाल हो तो भ्रूण के ठीक रहने की संभावना है।

महिलाओं को 24 हफ्ते तक ही गभर्पात कराने की अनुमति है-

अदालत ने सोमवार को जारी आदेश में कहा कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन संशोधन कानून, 2020 के तहत महिलाओं को 24 हफ्ते तक ही गभर्पात कराने की अनुमति है। उच्च न्यायालय ने नर्मदा जिले के राजपिपला में एक चिकित्सा केंद्र के अधिकारियों को पीड़िता का इलाज करने का भी निर्देश दिया।  

इससे पहले 23 हफ्ते के गर्भावस्था को समाप्त करने के दिए गए थे आदेश-

बता दें कि इससे पहले जून 2020 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक अविवाहित महिला को 23 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी थी, यह देखते हुए कि इस हालत में बच्चे को जन्म देने से उसकी मानसिक और शारीरिक पीड़ा होगी। उस समय मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) अधिनियम में 20 सप्ताह से अधिक की गर्भावस्था को समाप्त करने पर रोक था। लेकिन, इस कानून में संशोधन कर इसे 24 सप्ताह कर दिया गया था। गौरतलब है कि  महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले की निवासी 23 वर्षीय महिला, 20 सप्ताह के भीतर गर्भपात करवाने के लिए लॉकडाउन के कारण अपील नहीं कर पायी थी। जिसके कारण जस्टिस एसजे कथावाला और सुरेंद्र तावड़े की खंडपीठ ने यह आदेश दिया था।

(एजेंसी इनपुट)

Web Title: Gujarat High Court refuses to allow abortion to 13-year-old rape victim, fetus is 26 weeks and four days

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