गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन साल की एक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी को सुनाए गए मृत्युदंड को शुक्रवार को बरकरार रखा।
यह घटना पिछले साल सूरत में हुई थी। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति ए सी राव की पीठ ने दोषी अनिल यादव की याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने सूरत स्थित विशेष पोक्सो अदालत द्वारा इस साल जुलाई में सुनाए गए मृत्युदंड के निर्णय को चुनौती दी थी।
गुजरात उच्च न्यायालय ने तीन साल की एक बच्ची से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में निचली अदालत द्वारा युवक को सुनाई गई मौत की सजा को बरकरार रखा। यह घटना पिछले साल अक्टूबर में सूरत में हुई थी।
न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और न्यायमूर्ति ए सी राव की खंडपीठ ने दोषी अनिल यादव (22) की याचिका खारिज कर दी जिसमें उसने सूरत स्थित विशेष पोक्सो अदालत द्वारा इस साल जुलाई में सुनाई गई मौत की सजा को चुनौती दी थी। राज्य सरकार ने सजा की पुष्टि के बारे में जानकारी मांगी थी।
पीड़िता 14 अक्टूबर 2018 को सूरत के गोडादरा इलाके में स्थित अपने घर से लापता हो गई थी। पुलिस को एक दिन बाद उसका शव उसी भवन के प्रथम तल के एक बंद कमरे में मिला जहां वह रहती थी। उस कमरे में रहने वाला यादव लापता था।
बिहार का प्रवासी मजदूर यादव पीड़िता और उसके परिवार का परिचित था। शव बरामद होने के पांच दिनों बाद उसे बिहार के बक्सर जिले में स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया गया और उस पर लड़की से बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया।