गुजरात चुनाव: ओवैसी ने मुसलमानों और आदिवासियों के बीच एकता का आह्वान किया
By भाषा | Updated: February 7, 2021 21:13 IST2021-02-07T21:13:04+5:302021-02-07T21:13:04+5:30

गुजरात चुनाव: ओवैसी ने मुसलमानों और आदिवासियों के बीच एकता का आह्वान किया
भरूच, सात फरवरी गुजरात में स्थानीय निकायों के लिए होने वाले आगामी चुनावों से पहले एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को आदिवासियों, मुसलमानों और दलितों के बीच एकता का आह्वान किया और अपनी पार्टी को भाजपा और कांग्रेस के सामने एकमात्र विकल्प बताया।
ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन गुजरात में पहली बार चुनाव लड़ रही है। पार्टी अहमदाबाद और भरूच शहरों में भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है।
भरुच में चुनाव प्रचार करते हुए, ओवैसी ने भाजपा सरकार पर आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "एक ओर, भाजपा सरकार ने आदिवासियों के लिए संविधान की पांचवीं अनुसूची (अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण तथा अनुसूचित जनजातियों के मुद्दों से संबंधित) को लागू करने से इनकार कर दिया, तो वहीं दूसरी ओर सरकार ने अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया जो मुसलमानों को जिला कलेक्टर की अनुमति के बिना भूमि और मकान को बेचने या खरीदने से रोकता है।’’
उन्होंने सवाल खड़ा किया, "आप (भाजपा सरकार) ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले में) का निर्माण किया, लेकिन क्या आप आदिवासियों की एकता को खत्म कर देंगे? उनकी जमीन छीनना, पानी से वंचित करना और उनकी संस्कृति को नष्ट करना किस तरह की एकता है?"
ओवैसी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अंदर से मिले हुए हैं, जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "गुजरात के लोग एक विकल्प चाहते हैं। हम इस राजनीतिक शून्य को भरना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम और बीटीपी का गठजोड़ गुजरात में भाजपा और कांग्रेस से तंग आ चुके लोगों को एक मजबूत "वैकल्पिक राजनीतिक मंच" प्रदान कर सकता है।
ओवैसी ने संकेत दिया कि बीटीपी और एआईएमआईएम राजस्थान में भी हाथ मिला सकते हैं।
राज्य में स्थानीय निकाय चुनाव 21 और 28 फरवरी को दो चरणों में होने वाले हैं।
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