डॉक्टरों, शिक्षाविदों के समूह ने स्कूलों को फिर से खोलने का आह्वान किया

By भाषा | Published: August 28, 2021 06:26 PM2021-08-28T18:26:20+5:302021-08-28T18:26:20+5:30

Groups of doctors, academicians call for reopening of schools | डॉक्टरों, शिक्षाविदों के समूह ने स्कूलों को फिर से खोलने का आह्वान किया

डॉक्टरों, शिक्षाविदों के समूह ने स्कूलों को फिर से खोलने का आह्वान किया

शिक्षाविदों, डॉक्टरों और अन्य पेशेवरों के एक समूह ने मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को एक खुला पत्र लिखा है जिसमें उनसे स्कूलों को फिर से खोलने और भौतिक रूप से कक्षाओं को पुन: शुरू करने पर विचार करने का अनुरोध किया गया है। इस समूह में 56 शिक्षाविद, चिकित्सक और अन्य पेशेवर शामिल हैं। समूह ने अपने पत्र में जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष को भी चिह्नित किया है। हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि स्कूलों को फिर से खोलने के लिए बच्चों का कोविड-19 टीकाकरण एक शर्त नहीं होनी चाहिए। पत्र में कहा गया है, ‘‘कई सरकारों ने अभी तक सभी कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से नहीं खोला है क्योंकि विद्यार्थियों का टीकाकरण नहीं होना, तीसरी लहर की आशंका और स्कूल खोले जाने पर मामलों में वृद्धि होना सहित कई चिंताएं हैं... स्कूल खोलने का समर्थन करने के लिए वैश्विक सबूत हैं और सरकारों को तत्काल स्कूल खोलने और भौतिक रूप से कक्षाएं फिर से शुरू करने पर विचार करना चाहिए।’’ इसमें कहा गया है कि भारत दुनियाभर के उन चार से पांच देशों में शामिल है जहां इतने लंबे समय (डेढ़ साल) से स्कूल बंद हैं। पत्र में कहा गया है, ‘‘बच्चों को स्कूलों में वापस लाने की तत्काल आवश्यकता है। चूंकि छोटे बच्चों को कम से कम जोखिम होता है, इसलिए हम आपसे आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) की सिफारिशों के अनुसार प्राथमिक स्कूलों को पहले और इसके बाद उच्च कक्षाओं को शुरू करने की अनुमति देने का आग्रह करते हैं। हम अपने बच्चों की खातिर राजनीतिक दलों के नेताओं के एक साथ आने की उम्मीद करते हैं।’’ हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा कि टीकाकरण स्कूलों को फिर से खोलने के लिए एक शर्त नहीं है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण का उद्देश्य गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकना है और बच्चों में कोविड-19 महामारी के गंभीर होने का जोखिम अपेक्षाकृत कम है। पत्र में कहा गया है, ‘‘इसलिए, बच्चों को टीकाकरण का लाभ सीमित है, क्योंकि उनमें मध्यम से गंभीर बीमारी की दर कम है और मृत्यु दर पहले से ही कम है।’’ हस्ताक्षरकर्ताओं में महामारी वैज्ञानिक चंद्रकांत लहरिया, ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन’ की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनीला गर्ग, भारतीय बाल रोग अकादमी के पूर्व अध्यक्ष नवीन ठाकर और टीच फॉर इंडिया के सीईओ शाहीन मिस्त्री शामिल हैं।

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