ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने शौर्य चक्र मिलने का जश्न इंदौर में मनाने की योजना बनाई थी, परिचित ने कहा
By भाषा | Updated: December 16, 2021 18:47 IST2021-12-16T18:47:23+5:302021-12-16T18:47:23+5:30

ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने शौर्य चक्र मिलने का जश्न इंदौर में मनाने की योजना बनाई थी, परिचित ने कहा
भोपाल, 16 दिसंबर तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गये वायु सेना के ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (39) ने अपने को शौर्य चक्र मिलने का जश्न इस महीने के अंत में इंदौर में मनाने की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी यह इच्छा अब कभी पूरी नहीं हो सकेगी। उनके एक परिचित ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी ।
तमिलनाडु में कुन्नूर के पास आठ दिसंबर को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के एक सप्ताह बाद बुधवार सुबह बेंगलुरु स्थित वायु सेना के कमान अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया । इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्य कर्मियों की जान उसी दिन चली गई थी।
पिछले साल 12 अक्टूबर को एक बड़ी तकनीकी खामी की चपेट में आए लड़ाकू विमान तेजस को संभावित दुर्घटना से सफलतापूर्वक बचा लेने के उत्कृष्ट कार्य के चलते ग्रुप कैप्टन सिंह को इस साल अगस्त महीने में भारत के तीसरे सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार शौर्य चक्र से नवाजा गया था।
सिंह के पिता के पड़ोसी दलजीत सिंह गुरुदत्ता (70) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हर साल अपनी पत्नी गीतांजलि के पैतृक घर इंदौर जाया करते थे। इस बार उनका दिसंबर के अंत के आसपास इंदौर आने का कार्यक्रम था और शौर्य चक्र सम्मान का जश्न मनाने के लिए एक पार्टी देने वाले थे।’’
उनके पिता कर्नल केपी सिंह (सेवानिवृत्त) और मां मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित इनर कोर्ट, सन सिटी में रहते हैं।
गुरुदत्ता ने कहा, ‘‘लेकिन, हेलीकॉप्टर हादसे में वरुण सिंह की जान चली गई। इस हेलीकॉप्टर में वह सीडीएस विपिन रावत के संपर्क अधिकारी के तौर पर सवार थे और वेलिंगटन में ‘डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज’ जाते वक्त यह हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।’’
उन्होंने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने पुणे के एक कॉलेज में पढ़ रही गीतांजलि से मुलाकात की थी और बाद में उससे 20 जनवरी, 2008 को इंदौर में शादी की थी। इस दंपति का एक बेटा और एक बेटी है।
गुरुदत्ता ने कहा कि वरुण भोपाल में अपने माता-पिता से मिलने आया करते थे और वह आखिरी बार दिवाली पर यहां आए थे। उन्होंने कहा कि उसे भोपाल से बेहद लगाव था और यहां रहना पसंद करते थे।
उन्होंने कहा "मुझे पूरी उम्मीद थी कि वरुण (हेलीकॉप्टर हादसे के) इस संकट से भी उबरेंगे और विजयी होकर जल्द ही हमारे पास भोपाल आएंगे। हमने उनकी गर्मजोशी से स्वागत करने की योजना बनाई थी। उसके निधन से मैं अत्यधिक दुखित हूं और इस पर कहने के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं है।’’
सिंह के माता-पिता की कॉलोनी इनर कोर्ट, सन सिटी के कुछ निवासियों ने कहा कि भारतीय वायुसेना के अधिकारी बच्चों से प्यार करते थे और उनके साथ समय बिता कर आनंद लेते थे।
उनके पिता के पड़ोसी लेफ्टिनेंट कर्नल ईशान आर (रिटायर्ड) ने कहा, ‘‘वरुण बहुत दोस्ताना और हंसमुख इंसान थे। उनमें जीवन में सर्वश्रेष्ठ करने का जोश था और उनके पास जबरदस्त फाइटिंग स्पिरिट थी।’’
वरुण सिंह का पार्थिव शरीर बृहस्पतिवार को वायुसेना के एक विमान से वायु सेना स्टेशन येलहांका से भोपाल के राजभोज हवाई अड्डा लाया गया, जहां से उनका पार्थिव शरीर हवाई अड्डे के पास उनके पिताजी के घर इनर कोर्ट, सन सिटी में ले जाया गया। उनका अंतिम संस्कार 17 दिसंबर को दोपहर करीब एक बजे किया जाएगा।
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