बिहार में महागठबंधन सरकार ने पूरे किए एक साल, सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शुरू हुई जुबानी जंग
By एस पी सिन्हा | Updated: August 9, 2023 15:08 IST2023-08-09T15:08:21+5:302023-08-09T15:08:21+5:30
नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरे होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था-‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है।’

बिहार में महागठबंधन सरकार ने पूरे किए एक साल, सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच शुरू हुई जुबानी जंग
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा का साथ छोड़कर 9 अगस्त 2022 को महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी। ऐसे में एक साल पुरा होने पर सत्ताधारी महागठबंधन के नेता कई मायनों मे अहम मानतें हैं और युवाओं को लिए नौकरी एवं रोजगार के मुद्दे पर काम करने का दावा कर रहे हैं। वहीं विपक्षी दल भाजपा इस एक साल के कार्यकाल को जंगलराज एवं गुंडाराज जैसे शब्दों से नवाज रही है। सरकार के एक साल पूरे होने पर राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार सरकार ने पिछले 1 साल में बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने कहा कि नई नौकरियों के लिए पदों का सृजन हो रहा है। फिलहाल बिहार में लाखों शिक्षकों की बहाली की प्रकिया चल रही है। स्वास्थ्य, गृह विभाग एवं अन्य विभागों में रिक्तियां निकाली हैं और भर्ती के लिए प्रकिया चल रही है। नौकरी के साथ ही कमाई, पढाई, दवाई एवं सुनवाई के मुद्दे पर सरकार काम कर रही है। वहीं जदयू विधायक ललित नारायण मंडल ने कहा कि भाजपा के साथ काम करने में बहुत परेशानी थी। भाजपा ने हमेशा समाज को विभाजित करने वाला मुद्दा उठाया था। भाजपा के एजेंडा में विकास नाम की कोई चीज नहीं थी। लिहाजा हमलोगों ने लालू जी के साथ सरकार बनाई और अभी बिहार में बहाली का बड़ा दौर चल रहा है। केंद्र सरकार पैसे देने से इनकार करती है। इसके बावजूद हम लोगों ने शानदार काम करके दिखाया है। जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है। अभी बिहार में पौने दो लाख पदों पर टीचर की बहाली हो रही है। हमने 20 लाख लोगों की रोजगार की बात कही है, जिसे हमारे सरकार पूरा करेगी।
वहीं नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरे होने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था-‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है।’ नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं। विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था। तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है। कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत में कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं।