झारखंड में कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के कई मामले सामने आने से सरकार चिंतित
By भाषा | Updated: June 22, 2021 20:52 IST2021-06-22T20:52:45+5:302021-06-22T20:52:45+5:30

झारखंड में कोरोना वायरस के नए स्वरूपों के कई मामले सामने आने से सरकार चिंतित
(नमिता तिवारी)
रांची,22 जून झारखंड में हाल के दिनों में कोरोना वायरस के नए स्वरूप डेल्टा और अल्फा से 328 लोगों के संक्रमित पाए जाने से राज्य सरकार चिंतित है और उसने अधिकारियों से संक्रमण से जान गंवाने वाले मरीजों के नमूने मौत के 48 घंटे के अंदर अनुवांशिक अध्ययन के लिए भेजने के निर्देश दिए हैं ताकि वायरस के इन स्वरूपों को फैलने से रोकने के लिए रणनीति तैयार की जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
संक्रमण की दूसरी लहर में आदिवासी बहुल इलाके झारखंड में 5,100 लोगों की मौत हो गई। सरकार हालात से निपट रही है और इस बात से चिंतित है कि वायरस के डेल्टा, अल्फा और कप्पा स्वरूप तेजी से फैलते हैं। राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा,‘‘ राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग के दौरान वायरस के डेल्टा, अल्फा और कप्पा स्वरूप के 328 से 364 मामलों की पुष्टि हुई।’’
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि राज्य अपने नागरिकों की रक्षा के लिए संक्रमण के प्रसार को रोकने के वास्ते सभी जरूरी कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए साक्ष्य आधारित रोकथाम के उपाए किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि संक्रमण के 328 मामलों में से 194 मामले डेल्टा स्वरूप बी.1.617.2 के हैं और यह स्वरूप ‘‘चिंताजनक’’ है। उन्होंने बताया कि 29 मामले बी.1.617.1 स्वरूप के पाए गए हैं जिसे कप्पा नाम दिया गया है। इसके अलावा 29 मामले बी.1.1.7 अल्फा स्वरूप के हैं। सिंह ने कहा कि इनके अलावा राज्य में कोरोना वायरस के कुछ अन्य स्वरूप भी सामने आए है।
राज्य के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि स्वरूपों की पहचान के लिए राज्य ने आरटीपीसीआर के 364 नमूने, जिनमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी, उन्हें ‘रीजनल जिनोम सीक्वेंसिंग लैबोरेटरी तथा भुवनेश्वर के ‘इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज’ भेजा है।
इसबीच राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में संक्रमण से ठीक होने की दर 98 प्रतिशत से अधिक है,लेकिन अभी खतरा समाप्त नहीं हुआ है।
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