जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा के विरोध में मंगलवार रात में अभिनेत्री दीपिका के जेएनयू कैंपस में पहुंचने और जेएनयू छात्रसंघ आईशी घोष को शाबाशी देने पर सरकार आवाक है। जेएनयू कैंपस में छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के नेतृत्व में एक सभा का आयोजन किया गया था। इसमें कन्हैया ने दीपिका के सामने ही नारे लगाए और वह काले कपड़े पहनकर जेएनयू कैंपस पहुंची थी, जिसे जेएनयू हिंसा का विरोध माना जा रहा है। सरकार भी इस बात से परेशान है कि हाल ही में मुंबई में बड़ी संख्या में फिल्म सितारे और फिल्म निदेशक जेएनयू हिंसा के विरोध में हुए प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने मिलकर सरकार बनाई है। सरकार यह आकलन भी कर रही है कि महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन का असर फिल्म उद्योग पर तो नहीं पड़ रहा है।
दीपिका पादुकोण हालांकि करीब 10 मिनट जेएनयू कैंपस में रहीं लेकिन उन्होंने सरकार के खिलाफ कोई शब्द नहीं बोला। लेकिन जिस तरह से जेएनयूएसयू की अध्यक्ष आईशी घोष को शाबाशी दी वह सरकार के लिए परेशनी पैदा करने वाला है। क्योंकि जेएनयू में हिंसा के बाद जिस तरह से अभिनेत्री तापसी पन्नू, रिचा चड्ढा, फिल्म निदेशक अनुराग कश्यप सहित कई फिल्मी हस्तियां गेट वे ऑफ इंडिया पर हुए प्रदर्शन में शामिल हुई थीं। ऐसे में सरकार दीपिका पादुकोण के जेएनयू प्रेम को लेकर यह आकलन करने में लगी है कि कहीं महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद का तो यह असर नहीं है।
निशंक से मिलेंगे जेएनयू कुलपति
जेएनयू कुलपति प्रो.एम जगदेश कुमार बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से मिलेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि वह जेएनयू में रविवार को हुई हिंसा की घटना पर अपनी रपट केंद्रीय मंत्री को सौपेंगे।