नई दिल्ली: संसद में तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने संबंधी बिल पास होने के एक दिन बाद मंगलवार को केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए समिति गठित करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से पांच लोगों के नाम मांगे हैं। किसान इन कृषि कानूनों की वापसी की मांग के साथ पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं।
इस समिति का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दिया गया है। इसमें एसएसपी को ज्यादा 'प्रभावी और पारदर्शी' करने की भी बात कही गई है। किसान नेता दर्शनपाल ने मंगलवार को बताया कि किसान संगठन इस मामले में चार दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे।
चार दिसंबर को नामों पर होगा फैसला
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार दर्शनपाल ने कहा, 'आज केंद्र ने उस समिति के गठन के लिए एसकेएम से पांच नाम मांगे हैं, जो फसलों के लिए एमएसपी के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। हमने अभी नामों को लेकर फैसला नहीं लिया है। हम इस बारे में चार दिसंबर को होने वाली हमारी बैठक में निर्णय लेंगे।'
'धरना खत्म करने पर हो बात'
वहीं, दूसरी ओर जम्हूरी किसान सभा के महासचिव कुलवंत सिंह संधू ने कहा कि कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। अगर एमएसपी पर समिति बनाने सहित किसानों पर दर्ज एफआईआर जैसे मुद्दों को सरकार मानती है तो धरना खत्म करने का ये एक बड़ा आधार बन सकते हैं।
इससे पहले सोमवार को पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए बुधवार को आपात बैठक बुलायी है।
हालांकि मोर्चा ने कहा, 'एसकेएम में शामिल सभी संगठन हालात का जायजा लेंगे और आंदोलन संबंधी आगामी कदमों के बारे में चार दिसंबर की बैठक में फैसला लेंगे, जैसा कि पहले उसने घोषणा की थी। एसकेएम इस बैठक की तारीख में अब कोई बदलाव नहीं होगा।'
सिंघू बॉर्डर पर होगी बैठक
एसकेएम ने कहा कि ये बैठक सिंघू बॉर्डर पर होगी। बयान में कहा गया कि हरियाणा के किसान संगठन लंबित मांगों और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार को बैठक करेंगे।
बीकेयू (डकौंडा) के महासचिव जगमोहन सिंह पटियाला ने कहा, 'अब हमें पंजाब और अन्य राज्यों में भी सीमाओं से धरना हटाने के बारे में चर्चा शुरू करनी चाहिए। यह चर्चा यूनियनों के भीतर शुरू होनी चाहिए।'
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा किसान संघ के नेताओं के बीच बैठक पर एसकेएम ने कहा, 'हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमें अभी तक हरियाणा सरकार से कोई औपचारिक या अनौपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है। अभी तक कोई बैठक निर्धारित नहीं की गई है।'