बोर्ड परीक्षाओं के बाद स्कूल खोलने की तैयारी में सरकार, NCERT तैयार कर रहा है गाइडलाइन
By एसके गुप्ता | Published: May 18, 2020 05:39 PM2020-05-18T17:39:52+5:302020-05-18T17:47:13+5:30
एनसीईआरटी स्कूलों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तैयार कर रहा है। एनसीईआरटी के निदेशक डा. हृषिकेश सेनापति ने लोकमत से बाचतीत में कहा कि स्कूलों को फिर से खोलना बहुत जरूरी है। छात्रों का सही मूल्यांकन तभी संभव है जब वह स्कूल जाएं और वहां के माहौल में सीखें। कक्षा में 50 फीसदी छात्र पहले दिन और बाकी के 50 फीसदी छात्र दूसरे दिन आएं।
देश भर के स्कूलों में सीबीएसई की होने वाली परीक्षाओं को स्कूलों को खोलने की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से स्कूलों को खोलने के लिए एनसीईआरटी से नई गाइडलाइन लगभग तैयार करा ली गई हैं। जिसमें यह भी जोड़ा गया है कि अगर कोई छात्र बुखार, जुकाम और खांसी से परेशान है, तो अभिभावक बच्चे को स्कूल न भेजें। छात्र अगर स्कूल आएंगे तो वह सैनिटाइजर साथ लाएंगे और मुंह पर मास्क पहनेंगे। कक्षा पांच तक के बच्चों को स्कूल आने से छूट देने पर फिलहाल विचार चल रहा है। जिससे स्कूलों में सितंबर की तिमाही परीक्षाएं कराकर अकादमिक कैलेंडर को आगे बढाया जा सके।
एनसीईआरटी स्कूलों को खोलने को लेकर गाइडलाइन तैयार कर रहा है। एनसीईआरटी के निदेशक डा. हृषिकेश सेनापति ने लोकमत से बाचतीत में कहा कि स्कूलों को फिर से खोलना बहुत जरूरी है। छात्रों का सही मूल्यांकन तभी संभव है जब वह स्कूल जाएं और वहां के माहौल में सीखें। कक्षा में 50 फीसदी छात्र पहले दिन और बाकी के 50 फीसदी छात्र दूसरे दिन आएं।
फिलहाल इसके लिए सरकार को सुझाव दिया है कि जून या ग्रीष्मावकाश की छुटिटयों के बाद स्कूलों को खोलने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग नियमों के पालन कर 50-50 फीसदी वाले ऑड-ईवन मॉडल को अपनाया जा सकता है। यह एक तरह का सुझाव है अंतिम निर्णय सरकार को लेना है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर सीधा संवाद करते हुए शिक्षकों को कहा था कि 30-30 फसदी छात्रों के साथ कक्षाएं चलाने पर सुझाव चल रहा है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों को स्कूलों में परीक्षाएं आयोजित करने और नए सत्र की दाखिला प्रक्रिया ऑनलाइन शुरू करने के लिए कहा गया है। केंद्रीय विद्यालय संगठन से भी कहा गया है कि ऑनलाइन दाखिला प्रक्रिया को खोला जाए। राज्यों ने स्कूलों में 30 फीसदी शिक्षकों का स्टाफ बुलाकर काम भी शुरू कर दिया है। जिससे बोर्ड परीक्षाओं के बाद यह देखा जाएगा कि क्या छात्रों के बीच संक्रण फैलने का कितना खतरा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो बोर्ड परीक्षाओं के बाद स्कूल खोलने का शेड्यूल जारी किया जा सकता है। जिससे सितंबर में तिमाही परीक्षाओं को आयोजन किया जा सके।