आपात स्थिति में सरकारी वित्तपोषण की जरूरत होती है, इसलिए टीका मुफ्त हो:विशेषज्ञ
By भाषा | Updated: April 25, 2021 16:58 IST2021-04-25T16:58:24+5:302021-04-25T16:58:24+5:30

आपात स्थिति में सरकारी वित्तपोषण की जरूरत होती है, इसलिए टीका मुफ्त हो:विशेषज्ञ
बेंगलुरु, 25 अप्रैल एक मशहूर जनस्वास्थ्य विशेषज्ञ ने रविवार को इस बात की वकालत की कि कोविड-19 टीका मुफ्त लगाया जाना चाहिए क्योंकि किसी भी जनस्वास्थ्य आपात स्थिति में सरकारी वित्तीय समर्थन की जरूरत होती है।
पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष प्रो. के श्रीनाथ रेड्डी ने यह भी कहा कि यदि (बड़े जमावड़े जैसे) ‘ महामारी के फैलने में सहायक’ कार्यक्रम रोक दिये जाते हैं और लोग मास्क लगाना शुरू कर देते हैं, तो भारत में कोरोना वायरस के मामले तीन सप्ताह में ही घटने लगेंगे।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘ टीकाकरण मुफ्त होना चाहिए क्योंकि किसी भी जन स्वास्थ्य आपात स्थिति खासकर संक्रामक रोगों की स्थिति में सरकारी वित्त समर्थन की जरूरत होती है। दरअसल इसे जनहित समझा जाता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ असल में दुनिया में सभी अर्थशास्त्री इस पर सहमत हैं। इसलिए किसी भी देश द्वारा जनस्वास्थ्य आपातस्थिति पर शुल्क लगाने .... लोगों द्वारा (टीके) खरीदने का सवाल ही नहीं पैदा होता है।
रेड्डी ने कहा कि यदि कोई अपनी सुविधा के हिसाब से अपनी पसंद के किसी निजी अस्पताल में जाकर टीका लगवाना चाहता है तो वह सेवा शुल्क दे सकता है लेकिन टीकाकरण मुफ्त होना चाहिए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में हृदय रोग विभाग के अध्यक्ष रह चुके रेड्डी से जब पूछा गया कि उन्हें भारत में कोविड-19 की मौजूदा दूसरी लहर के कब चरम पर पहुंचने की उम्मीद है तो उन्होंने कहा कि यह निर्भर करता है।
उन्होंने यह भी कहा कि वह कोविड-19 संक्रमण के बारे में अनुमान लगाने के गणितीय प्रतिमान पर भरोसा नहीं करते क्योंकि उसमें इस बात को ध्यान में रखा ही नहीं गया है कि भारत में ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र दोनों हैं जहां संक्रमण की भिन्न दरें हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘..... सभी (गणितीय) प्रतिमान इस पर आधारित है कि वायरस कैसे हरकत करता है, न कि हम कैसे प्रतिक्रिया करते हैं।
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