‘दोस्तों’ को फायदा पहुंचाने को सरकार ने 358 खदानों के पट्टे की मियाद बढ़ाई, जांच हो: कांग्रेस
By भाषा | Published: September 10, 2019 01:12 AM2019-09-10T01:12:59+5:302019-09-10T01:12:59+5:30
उच्चतम न्यायालय ने गत दो अगस्त को देश की 358 लौह अयस्क खदानों के पट्टे के आवंटन या उसकी समय-सीमा को आगे बढ़ाने को रद्द करने की मांग संबंधी एक याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है।
देश में 358 लौह अयस्क खदानों के पट्टे की मियाद बढ़ाने को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा सरकार को नोटिस जारी करने पर कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ ‘दोस्तों’ को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया गया। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह भी कहा कि इस मामले की जांच हो और खदानों की नए सिरे से नीलामी की जाए।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि कुछ खदानों का पट्टा 50 साल के लिए कैसे बढ़ा दिया गया? नीलामी की बात की गई थी लेकिन भाजपा ने 358 खदानों का पट्टा बढ़ा दिया है। 288 खदानें और हैं जिनको मंजूरी दी जानी है।’’
खेड़ा ने कहा, ‘‘भाजपा विपक्ष में रहते हुए कुछ बोलती है और सत्ता में आकर उसका रुख बदल जाता है। अब वह सत्ता में हैं तो इस मामले पर एक दम चुप है।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ ‘दोस्तों’ को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हमारा मानना है कि सरकार के कदम से न्यूनतम चार लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान सरकार को हुआ है।’’ खेड़ा ने कहा कि राज्यों को उनके राजस्व के अधिकार से वंचित रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस संपदा की नीलामी की जाती तो देश को लाभ होता। कुछ दोस्तों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है। मामले की जांच हो, दोषियों को सजा और फिर से नीलामी हो।’’ कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने गत दो अगस्त को देश की 358 लौह अयस्क खदानों के पट्टे के आवंटन या उसकी समय-सीमा को आगे बढ़ाने को रद्द करने की मांग संबंधी एक याचिका पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है। न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े के नेतृत्व वाली एक पीठ ने इस याचिका पर इससे पहले केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में इस मामले की जांच करने के लिए सीबीआई को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने की भी मांग की गई।