सरकार ने अशक्तता आकलन दिशानिर्देशों में किया बदलाव
By भाषा | Updated: December 17, 2020 21:26 IST2020-12-17T21:26:54+5:302020-12-17T21:26:54+5:30

सरकार ने अशक्तता आकलन दिशानिर्देशों में किया बदलाव
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर सरकार ने अशक्तता आकलन दिशानिर्देशों में संशोधन किया है और नये नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं स्नायु विज्ञान संस्थान (निम्हान्स) बैटरी द्वारा ‘पॉजीटिव’ पाये जाने वाले व्यक्ति को 40 प्रतिशत से अधिक ‘विशेष लर्निंग डिसबिलिटीज’ वाला माना जाएगा।
किसी भी चीज को सीखने की यह अशक्तता (विशेष लर्निंग डिसबिलिटीज) एक ऐसा विकार है जिस कारण बच्चों को पढ़ने, लिखने, भाषा को समझने या जोड़-घटाव जैसे गणितीय हिसाब करने में खासा परेशानी होती है।
सरकार ने एक गजट अधिसूचना में कहा है कि मनोचिकित्सकों को ‘विशेष लर्निंग डिसिबिलिटीज’ के आकलन के लिए मेडिकल प्राधिकार में शामिल किया गया है।
‘निम्हान्स बैटरी’ एक ऐसा उपकरण है, जो अशक्कता के स्तर का पता लगाता है। यह लर्निंग डिसिबिलिटीज (सीखने की अशक्तता) के आकलन करने के लिए एक निर्धारित उपकरण है।
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘निम्हान्स बैटरी का उपयोग विशेष लर्निंग डिसिबिलिटीज का पता लगाने के लिए किया जाएगा। निम्हान्स बैटरी द्वारा किसी व्यक्ति के पॉजीटिव पाए जाने पर उसे 40 प्रतिशत से अधिक्त अशक्तता वाला माना जाएगा।
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