भारतीय सेनाओं के बेड़े में शामिल होंगे ये लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम और हथियार, सरकार ने 38,900 करोड़ के पैकेज को दी मंजूरी
By आदित्य द्विवेदी | Published: July 3, 2020 07:07 AM2020-07-03T07:07:41+5:302020-07-03T07:10:21+5:30
38,900 करोड़ रुपये की लागत से वायुसेना के बेड़े में अब अत्याधुनिक लड़ाकू विमान, मिसाइल सिस्टम और हथियार शामिल हो जाएंगे। भारत ने रूस से एक बड़ा करार किया है।
भारत और चीन के सीमाओं में तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंहरूस के दौरे पर गए थे। उसके कुछ ही दिनों बाद सरकार ने 2 जुलाई को नए लड़ाकू विमानों, मिसाइल सिस्टम और हथियारों की खरीद को मंजूरी दे दी है। भारतीय सेनाओं की क्षमता को बड़ाने के लिए 38,900 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि 21 मिग-29 लड़ाकू विमान रूस से जबकि 12 एसयू-30 एमकेआई विमान हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड से खरीदे जाएंगे। मंत्रालय ने मौजूदा 59 मिग-29 विमानों को उन्नत बनाने के एक अलग प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।
राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) के साथ बैठक के बाद इस पैकेज को स्वीकृति दी। मंत्रालय ने कहा है कि ‘‘मौजूदा परिस्थिति और हमारी सीमाओं पर रक्षा के लिए सैन्य बलों को मजबूत’’ करने के वास्ते डीएसी ने ये निर्णय किया है। पिछले सात हफ्ते से पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच तनाव गहरा गया है। गलवान घाटी में 15 जून को भारत के 20 सैन्यकर्मियों की शहादत के बाद तनाव और बढ़ गया है । इस बीच रक्षामंत्री ने अपना प्रस्तावित लद्दाख दौरा भी स्थगित कर दिया। उनके साथ सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी जाने वाले थे। रक्षामंत्री का दौरा रद्द किए जाने के पीछे कोई स्पष्ट वजह नहीं बताई गई है।
एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होंगे अत्याधुनिक विमान
डीएसी द्वारा मंजूर प्रस्तावों में पिनाका हथियार की खरीद तथा अन्य उपकरण शामिल हैं । अधिकारियों ने बताया कि 21 मिग-29 लड़ाकू विमानों और मिग-29 के मौजूदा बेड़े को उन्नत बनाने पर अनुमानित तौर पर 7,418 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जबकि, हिन्दुस्तान एरोनॉटिकल्स लिमिटेड से 12 नए एसयू-30 एमकेआई विमान की खरीद पर 10,730 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
पिनाका मिसाइल सिस्टम से भी मारक क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ ही एक हजार किलोमीटर लंबी दूरी की मारक क्षमता वाले मिसाइल सिस्टम से नौसेना और वायुसेना की मारक क्षमता में कई गुणा बढ़ोतरी होगी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘इसी तरह, अस्त्र मिसाइलों को बेड़े में शामिल करने से बल की ताकत में और इजाफा होगा। इससे भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना की मारक क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।’’
स्वदेशी डिजाइन और विकास पर ज़ोर
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि डीएसी ने करीब 38,900 करोड़ रुपये की लागत से खरीद को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘स्वदेशी डिजाइन और विकास पर जोर दिया गया है । इस मंजूरी में भारतीय उद्योग से 31,130 करोड़ रुपये की खरीद भी शामिल है। उपकरण का निर्माण भारत में होगा। अग्रणी विक्रेता के तौर पर कई एमएसएमई की भागीदारी से भारतीय रक्षा उद्योग इसे अंजाम देगा।’’ मंत्रालय ने कहा, ‘‘इनमें से कुछ परियोजनाओं में स्वदेशी सामग्री का खर्च परियोजना लागत के 80 प्रतिशत तक होगा। इनमें से काफी परियोजनाएं डीआरडीओ (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) द्वारा तकनीक हस्तांतरण के कारण संभव हो पाएंगी।’’ अधिकारियों ने बताया कि इस रूपरेखा और विकास प्रस्तावों की लागत 20,400 करोड़ रुपये है।
सीमा पर तनाव बरकरार
भारत और चीन के बीच तीन चरण में कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सीमा पर तनाव चरम पर है। हालांकि मंगलवार 30 को हुई बैठक में दोनों पक्षों ने बैच में अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति जताई है। हालांकि 15 जून को चीनी सैनिकों की चालबाजी के बाद भारत बेहद सतर्कता के साथ बीचतीच को आगे बढ़ा रहा है साथ ही साथ अपने बेड़े को मजबूत करने में जुटा है। जिससे किसी टकराव की स्थिति में वो चीन को मुंहतोड़ जवाब दे सके।
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से इनपुट्स लेकर