लाइव न्यूज़ :

सरकार ने परास्नातक आयुर्वेद चिकित्सकों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने की अनुमति दी

By भाषा | Updated: November 22, 2020 21:36 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 22 नवंबर केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी की है जिसके तहत आयुर्वेद के विशिष्ट क्षेत्रों में परास्नातक चिकित्सकों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण देने की अनुमति दी गई है ताकि वे सामान्य ट्यूमर और नाक तथा मोतियाबिंद का ऑपरेशन कर सकें।

आयुष मंत्रालय के तहत आने वाली वैधानिक संस्था भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) की ओर से जारी अधिसूचना में 39 सामान्य सर्जरी प्रक्रियाएं और आंख, कान, नाक, गला आदि से जुड़ी करीब 19 सर्जरियां शामिल हैं। इसके लिए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (परास्नातक आयुर्वेद शिक्षा), नियमन, 2016 में संशोधन किया गया है।

अधिसूचना के मुताबिक, पढ़ाई के दौरान शल्या और शल्क्य में पीजी कर रहे छात्रों को ऑपरेशन करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

आधुनिक चिकित्सा पद्धति के डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने सरकार के कदम की निंदा की और इसे ‘‘पिछले दरवाज़े से आधुनिक चिकित्सा विधा में घुसपैठ करना’’ और ‘‘प्रणालियों के मिश्रण का पश्चगामी कदम’’ बताया है।

आदेश को वापस लेने की मांग करते हुए, आईएमए ने सीसीआईएम से आग्रह किया कि वह अपने प्राचीन ग्रंथों में से अपनी खुद की सर्जिकल पद्धति विकसित करे न कि आधुनिक चिकित्सा की सर्जिकल पद्धतियों पर दावा करे।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने अधिसूचना पर स्पष्टीकरण देने की कोशिश करते हुए कहा कि सीसीआईएम की अधिसूचना नीति में किसी तरह का बदलाव का सूचक नहीं है या कोई नया फैसला नहीं है।

उन्होंने कहा कि यह अधिसूचना की प्रकृति एक स्पष्टीकरण वाली है। यह विशिष्ट प्रक्रियाओं के संबंध में आयुर्वेद में स्नातकोत्तर शिक्षा से संबंधित मौजूदा नियमन को व्यवस्थित करती है।

उन्होंने कहा कि अधिसूचना आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए ऑपरेशन के सभी क्षेत्रों को नहीं खोलती है, बल्कि उन्हें कुछ विशिष्ट चीजों का ऑपरेशन करने की अनुमति देती है।

कोटेचा ने स्पष्ट किया परास्नातक करने वाले सभी चिकित्सकों को ऑपरेशन करने की इजाजत नहीं है, बल्कि जिन्होंने शल्य और शाल्क्य में विशेषज्ञता प्राप्त की है, सिर्फ वे ही ये ऑपरेशन कर सकेंगे।

सीसीआईएम के संचालक मंडल के प्रमुख वैद्य जयंत देवपुजारी ने स्पष्ट किया कि आयुर्वेद संस्थानों में 20 साल से ऑपरेशन होते आए हैं और अधिसूचना उन्हें कानूनी जामा पहनाती है।

आयुष मंत्रालय ने भी स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि अधिसूचना 2016 के पहले से मौजूद नियमों में संबंधित प्रावधानों का स्पष्टीकरण करने के लिए है और अधिसूचना में आधुनिक शब्दावली का उपयोग पारंपरिक (आधुनिक) चिकित्सा के साथ आयुर्वेद का ‘‘मिश्रण’’ नहीं करता है।

मंत्रालय ने कहा कि शुरुआत से ही, शल्य और शाल्क्य सर्जिकल प्रक्रियाओं के लिए आयुर्वेद कॉलेजों में स्वतंत्र विभाग हैं। उसने कहा कि सीसीआईएम द्वारा जारी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के तहत छात्र को संबंधित विशेषज्ञता में प्रक्रियाओं और प्रबंधन की जांच प्रक्रियाओं, तकनीकों और सर्जिकल प्रदर्शन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

मंत्रालय ने कहा कि इन तकनीकों, प्रक्रियाओं और सर्जिकल प्रदर्शन का विवरण सीसीआईएम ने किया है नियमन में नहीं। सीसीआईएम ने नियमन के संदर्भ में यह विवरण जारी कर जनहित में यह स्पष्टीकरण जारी किया है यह किसी नीतिगत बदलाव का संकेत नहीं।

मंत्रालय ने कहा कि हालांकि, यह स्पष्ट है कि मानकीकृत शब्दावली सहित सभी वैज्ञानिक प्रगति संपूर्ण मानव जाति की विरासत हैं। किसी भी व्यक्ति या समूह का इन शब्दावली पर एकाधिकार नहीं है। चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक शब्दावली, एक अस्थायी दृष्टिकोण से आधुनिक नहीं हैं, बल्कि यूनानी, लैटिन और संस्कृत जैसी प्राचीन भाषाओं और बाद में अरबी जैसी भाषाओं से काफी हद तक व्युत्पन्न हैं। शब्दावली का विकास एक गतिशील और समावेशी प्रक्रिया है।

सीसीआईए द्वारा अधिसूचना में कहा गया है कि इन विनियमों को भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (परास्नातक आयुर्वेद शिक्षा) संशोधन विनियमन, 2020 कहा जा सकता है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

भारतश्री गुरु तेग बहादुर जी की  350 वें शहीदी दिवस पर सीएम सैनी ने विधानसभा सत्र को किया संबोधित

ज़रा हटकेअसम में पीएम मोदी के दौरे से पहले अधिकारियों की करतूत वायरल, धान के खेतों में फेंके पत्थर; वीडियो वायरल

बॉलीवुड चुस्कीAvatar 3 कब होगी रिलीज? जानिए कहानी, कास्ट और बजट

भारतलोकसभा में पास हुआ 'जी राम जी' बिल, शिवराज चौहाने बोले- "कांग्रेस ने बापू के आदर्शों को खत्म कर दिया"

बिहारबिहार: गृहमंत्री सम्राट चौधरी के चेतावनी के बावजूद अपराधियों का हौसला नहीं हो रहा है पस्त, अब डालने लगे हैं मंदिर में भी डाका

भारत अधिक खबरें

भारतMaharashtra: बॉम्बे हाईकोर्ट में बम की धमकी से हड़कंप, मुंबई के बांद्रा और एस्प्लेनेड कोर्ट खाली कराए गए

भारतFlight Advisory: दिल्ली में घने कोहरे से उड़ाने प्रभावित, इंडिगो समेत एयरलाइंस ने जारी की एडवाइजरी

भारतChhattisgarh: सुकमा में सुरक्षाबलों और माओवादियों संग मुठभेड़, कई माओवादी ढेर

भारतPunjab Local Body Election Results: आप 60, कांग्रेस 10, शिअद 3 और भाजपा 1 सीट पर आगे, देखिए अपडेट

भारतDelhi AQI: दिल्ली में गैर बीएस-6 निजी वाहनों की एंट्री बंद, ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ लागू; बढ़ते प्रदूषण के बाद सख्ती