खुशखबरीः नीतीश सरकार ने की घोषणा, हर जिले में होंगे एक किन्रर दारोगा और 4 कॉन्स्टेबल, किन्नरों को पुलिस कोटे में मिला आरक्षण

By एस पी सिन्हा | Updated: February 4, 2021 18:47 IST2021-02-04T14:54:20+5:302021-02-04T18:47:22+5:30

बिहार सरकारः सिपाही और पुलिस अवर निरीक्षक (ASI) के पदों पर सीधी नियुक्ति के आवेदन में अंग्रेजी के शब्द ट्रांसजेंडर और हिंदी में किन्नर/कोथी/हिजड़ा का उपयोग किया जा सकेगा.

good news one transgender police constable in each district bihar patna cm nitish kumar nda gov high court | खुशखबरीः नीतीश सरकार ने की घोषणा, हर जिले में होंगे एक किन्रर दारोगा और 4 कॉन्स्टेबल, किन्नरों को पुलिस कोटे में मिला आरक्षण

किन्नरों की आबादी के हिसाब से उनके पुलिस बहाली में आरक्षण का कोटा निर्धारित कर दिया गया है. (file photo)

Highlightsसंकल्प पत्र में इनकी नियुक्ति से संबंधित हर तरह का प्रावधान स्पष्ट किया गया है.कोर्ट को बताया कि राज्य की कुल आबादी में किन्नरों की 0.039 जनसंख्या है.कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2020 के उस आदेश में संशोधन किया जिसमें कोर्ट ने पुलिस बहाली के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी थी.

पटनाः बिहार पुलिस में किन्नर(थर्ड जेंडरों) को जगह देने के लिए सरकार ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार के हर जिले में कम से कम एक किन्नर दारोगा की पोस्टिंग होगी.

राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि किन्नरों की आबादी के हिसाब से उनके पुलिस बहाली में आरक्षण का कोटा निर्धारित कर दिया गया है। जब पुलिस में बहाली होगी तो हर जिले में एक पद अधिकारी और 4 पद कांस्टेबल के किन्नरों के लिए आरक्षित होंगे.

सरकार ने जनसंख्या के आधार पर किन्नरों को पुलिस में रिजर्वेशन देने का फैसला लिया है. इस फैसले के तहत हर जिले में कम से कम एक किन्नर दारोगा होने का रास्ता साफ हो गया है. सरकार ने पटना हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि राज्य की कुल आबादी में किन्नरों की 0.039 जनसंख्या है.

जनसंख्या के आधार पर राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित कर दिया

उसी जनसंख्या के आधार पर राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित कर दिया है. राज्य सरकार की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि किन्नरों की आबादी के हिसाब से उनके पुलिस बहाली में आरक्षण का कोटा निर्धारित कर दिया गया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 14 दिसंबर, 2020 के उस आदेश में संशोधन किया जिसमें कोर्ट ने पुलिस बहाली के अंतिम परिणाम पर रोक लगा दी थी.

यानी अब पुलिस बहाली की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी. बिहार सरकार के वकील अजय ने कोर्ट से कहा कि किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बना है, ताकि सामाजिक विसंगतियों को दूर किया जा सके. निकट भविष्य में भी उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाएंगी. 

बिहार पहला राज्य बन गया है

आमिर सुबहानी ने बताया कि इनकी आबादी अगर अधिक हुई तो स्क्वायड एवं प्लाटून के रूप में भी गठित किया जाएगा. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की खंडपीठ  वीरा यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.

याचिकाकर्ता वीरा यादव का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है. जो पढे़-लिखे एवं सभी कार्य में कुशल हैं, उन्हें पुलिस में आरक्षण नहीं मिल रहा है. यहां बता दें कि देश में पहली बार किन्नरों को पुलिस सेवा में भर्ती की योजना बनाई गई और ऐसा करनेवाला बिहार पहला राज्य बन गया है.

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