गोवा चुनाव: कांग्रेस ने प्रत्याशियों को पार्टी के प्रति निष्ठा की शपथ दिलाई, 2017 में 17 विधायक जीत कर आए थे, अब केवल 2 बचे हैं
By विशाल कुमार | Published: January 23, 2022 02:30 PM2022-01-23T14:30:49+5:302022-01-23T14:35:22+5:30
कांग्रेस शनिवार को अपने सभी 34 उम्मीदवारों को बस के जरिये मंदिर, गिरिजाघर और दरगाह ले गई और उन्हें ‘‘दल बदल के खिलाफ’’ शपथ दिलाई। कांग्रेस को वर्ष 2017 में राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 17 सीटों पर जीत मिली थी लेकिन अब उसके केवल दो विधायक सदन में बचे हैं।
पणजी: गोवा में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में भाजपा शासित राज्य में गत पांच साल में दलबदल से परेशान कांग्रेस ने पार्टी उम्मीदवारों को ईश्वर के सामने शपथ दिलाई है कि वे निर्वाचित होने के बाद पाला नहीं बदलेंगे।
कांग्रेस शनिवार को अपने सभी 34 उम्मीदवारों को बस के जरिये मंदिर, गिरिजाघर और दरगाह ले गई और उन्हें ‘‘दल बदल के खिलाफ’’ शपथ दिलाई। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव से अबतक पार्टी के टिकट पर निर्वाचित अधिकतर विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।
Congress candidates from across Goa visit Mahalaxmi Temple, Bambolim Cross & Hamza Shah Darga and took a pledge of loyalty towards the people of Goa & the party. #PledgeOfLoyaltypic.twitter.com/dtfIFUyuwn
— Goa Congress (@INCGoa) January 22, 2022
कांग्रेस को वर्ष 2017 में राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 17 सीटों पर जीत मिली थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन अब उसके केवल दो विधायक सदन में बचे हैं। 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे जिसके विधायकों की मौजूदा संख्या विधानसभा में 27 है।
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के अध्यक्ष गिरिश चोडानकर ने कहा, ‘‘लोगों के मन में भरोसा पैदा करने के लिए उम्मीदवारों को ईश्वर के समक्ष शपथ दिलाई गई।’’ उम्मीदवारों को पणजी के महालक्ष्मी मंदिर, बाम्बोलिन के गिरिजाघर और बेटिम गांव की दरगाह में शपथ दिलाई गई।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, जिन्हें पार्टी ने गोवा का चुनाव पर्यवेक्षक बनाया है भी उम्मीदवारों के साथ इन धार्मिक स्थलों पर गए। हालांकि, कांग्रेस राज्य में पहली पार्टी नहीं है जो इस तरह का कार्य कर रही है।
पिछले साल गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) अपने तीन विधायकों और पदाधिकारियों को मापुसा स्थित देव बोदगेश्वर मंदिर ले गई थी और उन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा का समर्थन नहीं करने की शपथ दिलाई थी।