गीता किसी एक भाषा या धर्म की नहीं बल्कि समूची मानवता की है : लोकसभा अध्यक्ष

By भाषा | Updated: December 11, 2021 21:14 IST2021-12-11T21:14:12+5:302021-12-11T21:14:12+5:30

Gita is not of any one language or religion but of entire humanity: Lok Sabha Speaker | गीता किसी एक भाषा या धर्म की नहीं बल्कि समूची मानवता की है : लोकसभा अध्यक्ष

गीता किसी एक भाषा या धर्म की नहीं बल्कि समूची मानवता की है : लोकसभा अध्यक्ष

कुरुक्षेत्र, 11 दिसंबर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि भगवद गीता किसी विशेष भाषा, क्षेत्र या धर्म की नहीं बल्कि पूरी मानवता की है।

बिरला यहां चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में भाग लेने के लिए आए थे और उनके साथ हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर और राज्य विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता भी मौजूद थे।

बिरला ने कहा कि यदि किसी के जीवन में अंधेरा या कठिनाई है तो गीता ही आगे का मार्ग बता सकती है। उन्होंने कहा, “गीता सार” के एक छोटे से हिस्से को पढ़ने के बाद हमारे जीवन में हर संदेह दूर हो सकता है।

उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हमारे लोकतंत्र की नींव हजारों साल पहले ऋषियों और विचारकों ने रखी थी, जिन्होंने हमेशा ग्रह पर मौजूद जीवन के सभी रूपों के बीच शांति, आध्यात्मिक और समानता के मार्ग पर जोर दिया।

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (केयू) और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता उत्सव के हिस्से के रूप में आयोजित संगोष्ठी के समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष मुख्य अतिथि थे।

बिरला ने संगोष्ठी के आयोजन में विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना की, जो उनके मुताबिक युवा पीढ़ी को गीता से प्रेरणा लेने और अपने जीवन में इसकी शिक्षाओं को आत्मसात करने के लिए प्रेरित करेगा।

बिरला ने कहा कि आज के डिजिटल युग में युवा बौद्धिक रूप से सक्षम हैं और दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान मिलेगा तो उनका जीवन सही दिशा में जाएगा।

उन्होंने कहा कि हमें गीता के संदेश को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वालों ने भी गीता से प्रेरणा ली। बिरला ने कहा, “आज भौतिक जगत में शांति की आवश्यकता है। सुख-दुख में हम ईश्वर की शरण में जाते हैं। यह हमारी संस्कृति है। हमें पवित्र ग्रंथ गीता से नई प्रेरणा मिलती है और हम लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए नैतिक रूप से शासन करने का प्रयास करते हैं। हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए।”

इस बीच, खट्टर ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें हर साल गीता महोत्सव मनाकर गीता और पवित्र भूमि कुरुक्षेत्र के महत्व का जश्न मनाने के लिए 2014 में प्रेरित किया।”

उन्होंने कहा, “आज गीता महोत्सव एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन गया है और यह कर्म, भक्ति, ज्ञान और मोक्ष के सार्वभौमिक संदेश को पूरी दुनिया में फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।”

इस कार्यक्रम में हरियाणा से स्वतंत्रता सेनानियों के 75 परिवारों को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत स्वतंत्रता के 75 साल पूरे होने पर सम्मानित किया गया।

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