GIP Mall Noida: ईडी ने नोएडा के जीआईपी मॉल की संपत्तियों पर जड़ा ताला, इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड पर पीएमएलए के तहत एक्शन, 290 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: May 30, 2024 13:09 IST2024-05-30T13:05:41+5:302024-05-30T13:09:31+5:30
ईडी ने आईआरएएल कंपनी के खिलाफ सख्च एक्शन लेते हुए कंपनी की 290 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। जिसमें एजेंसी ने नोएडा के जीआईपी मॉल की संपत्तियों को भी जब्त किया है।

फाइल फोटो
नोएडा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईआरएएल कंपनी के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए कंपनी की 290 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी के अनुसार पीएमएलए के तहत हुई इस कार्रवाई में नोएडा के जीआईपी मॉल की संपत्तियों को भी जब्त किया गया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार ईडी ने बयान जारी करके बताया है कि गुरुग्राम में उसने लगभग 25 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया है। ईडी के आज के एक्शन में इंटरनेशनल रिक्रिएशन एंड एम्यूजमेंट लिमिटेड (आईआरएएल) की होल्डिंग कंपनी इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड से संबंधित 291.18 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई है।
इन संपत्तियों में ईडी ने नोएडा के ग्रेट इंडिया प्लेस मॉल में 3,93,737.28 वर्ग फुट की बिना बिकी व्यावसायिक जमीन, रोहिणी में एडवेंचर आइलैंड लिमिटेड के नाम पर 45,966 वर्ग फुट की व्यावसायिक जमीन और जयपुर के आमेर में दौलतपुर स्थित गांव में लीजहोल्ड की 218 एकड़ जमीन शामिल है।
ईडी ने कहा कि ये कार्रवाई बीते मंगलवार को पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत की गई है। प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार आईआरएएल की होल्डिंग कंपनी, इंटरनेशनल एम्यूजमेंट लिमिटेड पर गुरुग्राम के सेक्टर 29 और 52-ए में दुकानें और अन्य जगहें आवंटित करने का वादा करके लगभग 1,500 निवेशकों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि इकट्ठा करने का आरोप है।
हालांकि, कंपनी कथित तौर पर परियोजनाओं को पूरा करने में विफल रही और समय सीमा चूक गई। इसके अलावा कंपनी ने निवेशकों को सुनिश्चित मासिक रिटर्न भुगतान करना भी बंद कर दिया था।
ईडी ने दावा किया कि कंपनी ने निवेशकों का पैसा हड़प लिया और व्यक्तिगत लाभ के लिए संबंधित व्यक्तियों और संस्थाओं को धन भेज दिया।
इसके अतिरिक्त ईडी ने आरोप लगाया कि प्रमोटर निदेशकों ने आईआरएएल की बैलेंस शीट से व्यावसायिक अग्रिम धनराशि को हटाने के लिए क्रय इकाई के साथ पिछली तारीख के समझौता किया गया, जिससे दिवंगत निदेशकों को आईआरएएल के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से बचने का रास्ता मिल गया था।