नई दिल्ली: वरिष्ठ कांगेस नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल जल्द ही राज्यसभा में प्रवेश कर सकते हैं। पांच राज्यों में राज्यसभा की आठ सीटें रिक्त हैं और इन पर जल्द ही उपचुनाव कराया जाना है।
कांग्रेस हाईकमान ने तय किया है कि वह गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा में महाराष्ट्र या तमिलनाडु से वापस लाएगी। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने राज्यसभा की तीन में से एक सीट कांग्रेस को देने की पेशकश की है। इस बारे में उन्होंने सोनिया गांधी से बात भी की है।
यहां अन्नाद्रमुक के ए. वैथिलिंगम और केपी मुनुसामी ने विधायक बनने के बाद राज्यसभा की सीट छोड़ी है जबकि तीसरी सीट ए. मोहम्मदजान की चुनाव प्रचार के दौरान मौत के कारण रिक्त हो गई थी। महाराष्ट्र में राजीव सातव के निधन के कारण एक सीट रिक्त हुई है। ये सीट भी कांग्रेस के पास रहेगी।
यशवंत सिन्हा को राज्य सभा भेजेंगी ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिए हैं कि वे यशवंत सिन्हा को राज्यसभा भेजने वाली हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर विरोधी हैं। चूंकी अब ममता बनर्जी का इरादा राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति का है, वे ऐसे लोगों को चुन सकती हैं जो उनकी योजना में उपयोगी हों।
पश्चिम बंगाल में दूसरा नाम मुकुल रॉय या फिर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का है। दिलचस्प बात यह है कि इन दिनों पार्टी के राज्यसभा सांसद डेरिक ओब्रायन आजकल सिन्हा के ट्वीट को रिट्वीट कर कर रहे हैं। यहां दो सीटें रिक्त हुई हैं।
एक सीट दिनेश त्रिवेदी के भाजपा में जाने से जबकि दूसरी डॉ. मानस भूयान के राज्य के मंत्री बनने के कारण रिक्त हुई है। बिश्वजीत दैमारी (असम भाजपा) और जोस के मणी (केरल कांग्रेस-एम) ने विधायक बनने के लिए राज्यसभा की सीट छोड़ी है। सोनोवाल को दैमारी की जगह लाया जा सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि आजाद, सिन्हा और सोनोवाल राजनीति में विस्थापित हुए हैं। आजाद और सोनोवाल की वापसी उनकी ही पार्टी करवा रही है।