Article 370: शाह के संकल्प पर भड़के गुलाम नबी आजाद, बोले- मोदी सरकार ने आज संविधान की हत्या कर दी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 5, 2019 12:17 IST2019-08-05T12:17:46+5:302019-08-05T12:17:46+5:30
जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 समाप्त करने के अमित शाह के संकल्प पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आज बीजेपी ने संविधान की हत्या कर दी है।

Article 370: शाह के संकल्प पर भड़के गुलाम नबी आजाद, बोले- मोदी सरकार ने आज संविधान की हत्या कर दी
जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार देने वाले आर्टिकल 370 समाप्त करने के अमित शाह के संकल्प पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आज बीजेपी ने संविधान की हत्या कर दी है। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश किया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन का संकल्प भी पेश किया है। अमित शाह के ऐलान के बाद विपक्ष ने सदन में काफी हंगामा कर रहा है।
गुलाम नबी आजाद ने राज्यसभा में कहा, 'हम संविधान के साथ खड़े हैं। हम हिंदुस्तान के संविधान की रक्षा के लिए जान की बाज़ी लगा देंगे लेकिन आज बीजेपी ने संविधान की हत्या की है। उन्होंने कहा कि हम दो तीन सांसदों (पीडीपी के मीर फैय्याज और नाजिर अहमद) के संविधान फाड़ने के एक्ट की कड़ी निंदा भी करते हैं।'
GN Azad,Cong: I strongly condemn the act of 2-3 MPs(PDP's Mir Fayaz and Nazir Ahmed Laway who attempted to tear constitution). We stand by the constitution of India. Hum Hindustan ke samvidhaan ki raksha ke liye jaan ki baazi laga denge, but today BJP has murdered constitution pic.twitter.com/wtswg0s7dK
— ANI (@ANI) August 5, 2019
बिल पेश करते हुए शाह ने कहा, 'जिस दिन से राष्ट्रपति द्वारा इस गैजेट नोटिफिकेशन को स्वीकार किया जाएगा, उस दिन से संविधान के अनुच्छेद 370 (1) के अलावा और कोई भी खंड लागू नहीं होंगे।' शाह ने आगे कहा, 'हम जो चारों संकल्प और बिल लेकर आए हैं, वह कश्मीर मुद्दे पर ही है। संकल्प प्रस्तुत करता हूं। अनुच्छेद 370 (1) के अलावा सभी खंड राष्ट्रपति के अनुमोदन के अलावा खत्म होंगे।'
अमित शाह ने कहा, 'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई थी, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी में राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी, लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है।'