गीतांजलि श्री की 'रेत समाधि' ने जीता अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, बुकर जीतने वाली पहली हिंदी लेखिका बनीं

By अनिल शर्मा | Updated: May 27, 2022 10:17 IST2022-05-27T06:44:29+5:302022-05-27T10:17:07+5:30

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली गीतांजलि श्री पिछले तीन दशक से लेखन की दुनिया में सक्रिय हैं। श्री की तीन उपन्यास समते कई कथा संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं।

Geetanjali Shree tomb of sand wins International Booker Prize becomes first Hindi writer to win Booker | गीतांजलि श्री की 'रेत समाधि' ने जीता अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार, बुकर जीतने वाली पहली हिंदी लेखिका बनीं

Photo: The Booker Prizes Twitter

Highlightsगीतांजलि श्री की रेत समाधि राजकमल से प्रकाशित हुआ है गीतांजलि की रेत समाधि का अंग्रेजी अनुवाद डेजी रॉकवेल ने टूंब ऑफ सैंड के नाम से किया हैबुकर के लिए 50 लाख की राशि प्रदान की जाएगी जो लेखिका और अनुवाद के बीच बराबर बंटेगी

हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री ने अपने उपन्यास रेत समाधि के लिए अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। रेत समाधि का अंग्रेजी अनुवाद मशहूर अमेरिकी अनुवादक डेजी रॉकवेल ने किया है जिसे टिल्टेड एक्सिस प्रेस ने "टूंब ऑफ सैंड" के नाम से प्रकाशित किया है। राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित 'रेत समाधि' हिंदी की पहली ऐसी कृति है जो न केवल अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की लॉन्गलिस्ट और शॉर्टलिस्ट तक पहुंची बल्कि बुकर भी जीती।

लेखिका गीतांजलि श्री की उपन्यास ‘रेत समाधि’   50,000 पाउंड यानी करीब 50 लाख रुपये के साहित्यिक पुरस्कार के लिए विश्व की पांच किताबों से इसकी प्रतिस्पर्धा हुई। पुरस्कार की राशि लेखिका और अनुवादक के बीच विभाजित की जाएगी। जूरी सदस्यों ने इस उपन्यास के बारे में कहा कि यह पुस्तक ‘‘हमें 80 वर्षीय महिला के जीवन के हर पहलू और आश्चर्यचकित कर देने वाली अतीत में ले जाती है। उपन्यास का डेजी रॉकवेल का अनुवाद खब्दों के खेल से भरा हुआ है। यह एक शानदार और अप्रतिरोध्य उपन्यास है।''

 

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी से ताल्लुक रखने वाली गीतांजलि श्री पिछले तीन दशक से लेखन की दुनिया में सक्रिय हैं। श्री की तीन उपन्यास समते कई कथा संग्रह प्रकाशित हो चुकी हैं। उनका पहला उपन्यास 'माई' और फिर 'हमारा शहर उस बरस' 1990 के दशक में प्रकाशित हुए थे। इसके बाद 'तिरोहित' और 'खाली जगह' प्रकाशित हुआ। उनकी कृतियों का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियन और कोरियन भाषाओं में अनुवाद हुआ है।

दिल्ली की 64 वर्षीय लेखिका गीतांजलि की अनुवादक डेजी रॉकवेल एक पेंटर एवं लेखिका हैं जो अमेरिका में रहती हैं। उन्होंने हिंदी और उर्दू की कई साहित्यिक कृतियों का अनुवाद किया है। गौरतलब बात है कि डेजी ने अपनी पीएचडी उपेंद्रनाथ अश्क के उपन्यास 'गिरती दीवारें' पर की है। उन्होंने उपेंद्रनाथ अश्क से लेकर खादीजा मस्तूर, भीष्म साहनी, उषा प्रियंवदा और कृष्णा सोबती के उपन्यासों पर का अनुवाद किया है।

बुकर पुस्कार अंग्रेजी में अनुदित और ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित किसी एक पुस्तक को हर साल दिया जाता है।  2022 के पुरस्कार के विजेता का ऐलान 26 मई को लंदन में एक समारोह में किया गया।

 

Web Title: Geetanjali Shree tomb of sand wins International Booker Prize becomes first Hindi writer to win Booker

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