40 देश के 200 नौसेना अधिकारियों ने महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध को किया नमन
By एस पी सिन्हा | Published: February 24, 2024 03:17 PM2024-02-24T15:17:58+5:302024-02-24T15:20:54+5:30
GAYA Mahabodhi Temple: महाबोधि मंदिर के केयरटेकर भंते दीनानंद और भंते डॉ मनोज ने सभी सैनिकों को सम्मानित किया और शांति की सिख दी।
GAYA Mahabodhi Temple: 40 देशों के करीब 200 नौ सेना अधिकारियों ने महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध को नमन कर विश्व शांति की कामना की। जिन सैन्य अधिकारियों और लड़ाकों ने जंग में दुश्मनों को उखाड़ फेंकने की ट्रेनिंग विशाखापत्तनम में ली थी, उनके तरफ से यहां आकर शांति का संदेश लेना बहुत बड़ी बात बताई जा रही है। नौ सेना के प्रतिनिधिमंडल ने पवित्र बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर अपने तनाव भरे जीवन को पूरी तरह भुलाकर शांति का एहसास किया। अपने धर्म गुरु के सानिध्य में सबों ने बुद्धम शरणम गच्छामि का पाठ किया। इससे पहले बोधगया मंदिर प्रबंधन कमिटी की तरफ से सभी सैनिकों को खादा देकर सम्मानित किया गया। महाबोधि मंदिर के केयरटेकर भंते दीनानंद और भंते डॉ मनोज ने सभी सैनिकों को सम्मानित किया और शांति की सिख दी।
वहीं, बौद्ध गुरुओं ने बताया कि इन प्रतिनिधिमंडल दल ने बोधि वृक्ष के नीचे शांति का पाठ किया। इसके साथ वतन की खुशहाली के लिए दुआ मांगी। ये सभी सैनिक मिलन-24 के तहत विशाखापत्तनम में युद्ध अभ्यास कर रहे हैं। यहां शांति का पाठ करने के बाद ये लोग विशाखापट्टनम में जारी सैन्य अभ्यास मिलन-24 के लिए प्रस्थान कर गए।
इन लोगों ने सर्वसम्मति से अतिथि पंजी में लिखा कि महाबोधि मंदिर न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रमाण है, बल्कि दुनिया भर के लोगों के लिए शांति एवं ज्ञान का प्रतीक भी है। यहां का भ्रमण हम सभी के लिए वास्तव में एक ज्ञानवर्धक अनुभव रहा है। यह सामूहिक सैन्य अभ्यास के लिए जुटे देशों के बीच महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आदान-प्रदान का प्रतीक है।
महाबोधि मंदिर की समृद्ध विरासत एवं आध्यात्मिक महत्व हमारी सांस्कृतिक समझ एवं सहयोग को बढ़ाएगा। आपको बताते चलें कि, प्रतिनिधिमंडल में अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया एवं मलेशिया की नौसेना के अधिकारी शामिल थे। सभी सैन्य अधिकारी आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में नौ दिनों के सबसे बड़े सैन्य अभ्यास मिलन-24 में शामिल होने भारत आए हैं। इसमें कुल 51 देशों की नौसेना भाग ले रही हैं।