गांधी जयंती: न्यूयॉर्क टाइम्स में छपा पीएम मोदी का लेख- 'भारत और दुनिया को गांधी की जरूरत क्यों है?'
By विनीत कुमार | Published: October 2, 2019 01:05 PM2019-10-02T13:05:30+5:302019-10-02T13:05:30+5:30
गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लेख अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स में छपा है। पीएम मोदी का ये लेख 'भारत और दुनिया को गांधी की जरूरत क्यों है?', इस हेडलाइन से छपा है।
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स के लिए एक लेख लिखा है। 'भारत और दुनिया को गांधी की जरूरत क्यों है?', इस हेडलाइन से न्यू यॉर्क टाइम्स के ओप-एड पन्ने पर छपे लेख में पीएम मोदी ने महात्मा गांधी के सिद्धातों का जिक्र किया है और बताया है कि कैसे वह सभी के लिए सबसे अच्छी प्रेरणा है।
पीएम मोदी के इस लेख की शुरुआत महान अमेरिकी नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के जिक्र से होती है। पीएम मोदी लेख की पहली लाइन में ही मार्टिन लूथर के 1959 में भारत दौरे और उनकी टिप्पणी का जिक्र करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था- 'दूसरे देशों में मैं एक पर्यटक के तौर पर जा सकता हूं लेकिन भारत आना किसी तीर्थयात्री की तरह है।'
इस लेख में पीएम मोदी ने गांधी के आज के अंतर्विरोध वाले मानव समाज में जोड़ने का काम करने जैसी क्षमताओं का भी जिक्र किया है। पीएम मोदी लिखते हैं, '1925 में गांधी ने 'यंग इंडिया' में लिखा था, 'किसी के लिए भी राष्ट्रवादी बने बगैर अंतराष्ट्रीयवादी होना नामुमकिन है। अंतरराष्ट्रीयता तभी संभव है जब राष्ट्रीयता एक यथार्थ बन जाए। इसके मायने ये हुए कि जब दूसरे देशों के खुद को संगठित करें और एक व्यक्ति के तौक पर काम करने लगें।'
पीएम मोदी ने इस लेख में इस बात का भी जिक्र किया है कैसे उनकी सरकार गांधी जी के सपनों को पूरा करने का प्रयास कर रही है। पीएम मोदी ने लिखा है, 'हम भारत में इस संबंध में कोशिश कर रहे हैं। जब गरीबी घटाने की बात हो रही हो तो भारत इसमें सबसे तेज देशों में शामिल है। स्वच्छता को लेकर हमारी कोशिशों ने दुनिया का ध्यान खींचा है। भारत संसाधनों के नवीनीकरण और इसके इस्तेमाल में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उदाहरण के तौर पर सोलर समझौता, जिसने कई देशों को सौर उर्जा के लिए साथ लाकर खड़ा किया है। हम बल्कि दुनिया के साथ और दुनिया के लिए और बहुत कुछ अधिक करना चाहते हैं।'
पीएम मोदी ने अपने इस लेख में नफरत, हिंसा और इससे होने वाले परिणामों से भी लड़ने के लिए पूरे विश्व को एक साथ आने का आह्वान किया है। लेख के आखिरी हिस्सों में पीएम मोदी लिखते हैं, 'तभी हम सब महात्मा गांधी के सपनों को पूरा कर सकते हैं, जिसका सार उनके सबसे प्रिय भजन 'वैष्णव जन तो' में है। यह भजन कहता है कि वही असल मानव है जो दूसरों का दर्द समझता है और कभी अहंकार को अपने पास नहीं रखता। प्यारे बापू पूरी दुनिया आपको नमन करती है।'