गांधी जयंती : रक्षा मंत्री शनिवार को लक्षद्वीप में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे

By भाषा | Updated: October 1, 2021 19:02 IST2021-10-01T19:02:11+5:302021-10-01T19:02:11+5:30

Gandhi Jayanti: Defense Minister to unveil Mahatma Gandhi's statue in Lakshadweep on Saturday | गांधी जयंती : रक्षा मंत्री शनिवार को लक्षद्वीप में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे

गांधी जयंती : रक्षा मंत्री शनिवार को लक्षद्वीप में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करेंगे

कवरत्ती, एक अक्टूबर लक्षद्वीप के कुछ निर्जन द्वीपों में अशोक स्तंभ लगे होने को छोड़ कर भारत के मुस्लिम बहुल इस द्वीप में अब तक कोई प्रतिमा नहीं लगाई गई थी। लेकिन अब अरब सागर में स्थित देश के इस सबसे छोटे केंद्र शासित क्षेत्र में शनिवार को पहली प्रतिमा लगने जा रही है, जो गांधी जयंती पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की होगी।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह महात्मा गांधी की 152 वीं जयंती पर कवरत्ती में राष्ट्रपिता की एक प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

एक अधिकारी ने बताया कि कवरत्ती में वेस्टर्न जेट्टी के पास एक इलाके को सजाया जा रहा है, जहां समुद्र की ओर मुख की हुई राष्ट्रपिता की एक खड़ी प्रतिमा लगाई जाएगी।

उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री कोच्चि से कल यहां आएंगे और वह शाम में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल के. पटेल की अध्यक्षता वाले एक कार्यक्रम में प्रतिमा का अनावरण करेंगे।

प्रशासन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘भारत की आाजदी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान के सम्मान में लक्षद्वीप में अनावरण की जाने वाली यह पहली प्रतिमा होगी। ’’

हालांकि, लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल पी. पी. का नाम प्रशासन द्वारा तैयार की गई कार्यक्रम सूची में नहीं है। सांसद की पटेल के साथ तकरार रही है।

फैजल और ‘सेव लक्षद्वीप फोरम’ के कार्यकर्ता प्रशासक की कथित जन विरोधी नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कार्यक्रम में नहीं आमंत्रित किया गया है, फैजल ने कहा, ‘‘चूंकि राजनाथ सिंह ने मुझे व्यक्तिगत रूप से न्योता दिया है, इसलिए मैं सिर्फ प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शरीक होऊंगा।’’

सूत्रों ने बताया कि द्वीप में गांधी की प्रतिमा स्थापित करने की कोशिशें एक दशक से पहले शुरू की गई थी लेकिन कई कारणों को लेकर यह कार्य पूरा नहीं किया जा सका।

वर्ष 2010 में संप्रग शासन के तहत महात्मा गांधी की दो लाख रुपये की प्रतिमा द्वीप में लाई गई थी लेकिन इसे स्थापित नहीं किया जा सका।

उस वक्त अधिकारियों ने इसके लिए कथित तौर पर समुद्र में खराब मौसम रहने को जिम्मेदार ठहराया था। तब संघ परिवार के संगठनों ने आरोप लगाया था कि स्थानीय भावनाओं के चलते अधिकारियों ने प्रतिमा लदे जहाज को वापस कोच्चि भेज दिया।

हालांकि, फोरम के कार्यकर्ताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि द्वीप के लोगों ने यहां गांधी की प्रतिमा स्थापित करने पर कभी आपत्ति नहीं की।

फोरम के नेता कोमलम कोया ने कहा कि गांधीजी लक्षद्वीप के लोगों के दिलों में बसते हैं।

कोया मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के भी नेता हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आप लक्षद्वीप के लोगों, जो कि मुस्लिम हैं, के घरों की दीवारों पर गांधीजी की तस्वीरें देख सकते हैं...जबकि उनका धर्म उन्हें इसकी इजाजत नहीं देता है।

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Web Title: Gandhi Jayanti: Defense Minister to unveil Mahatma Gandhi's statue in Lakshadweep on Saturday

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