मुंबई में मेट्रो -3 की सौगात बेहद शांति तरीके से चल रही हैं। यहां की गलियों के लिए जमीं पर भले ही निर्माण कार्य की आवाज कानों को चुभती हो। लेकिन यहां सुरंग की खुदाई बेहद चुपचाप चल रही है जिसको खबर लोगोंको कानों कान नहीं हो रही है। मुंबई मेट्रो के निर्माण कार्य की आवाज कानफोड़ू लगती हो लेकिन सुरंग की खुदाई 100 फीट नीचे चुपचाप चल रही है और कुछ पता भी नहीं चल रहा है।
दक्षिण मुम्बई के कोलाबा और उपनगरीय क्षेत्र अंधेरी में सांताक्रुज इलेक्ट्रानिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग जोन सीप्ज को जोड़ने वाले 33.5 किलोमीटर अंडरपास के 220 मीटर हिस्से की बड़े बड़े मशीनों से अंदर ही अंदर खुदाई की जा चुकी है। मुंबई में पहली ऐसी कोई सुरंग बन रही है। ये सुरंग व्यवस्था यहां की गलियों और शहर की परिवहन व्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ा बदलावकारी कदम होगा। इतना ही नहीं इससे शहर के प्रदूषण पर भी रोक लगेगी। जिस तरह से मेट्रो की खुदाई का शांतिपूर्ण तरीके के काम चल रहा है उससे बदलाव के आसार लगाए जा रहे हैं।
मुम्बई मेट्रो रेल निगम ने भूमिगत खुदाई के लिए के एक योजना बनायी गई है और उसने लोगों के मन से यह आशंका भी दूर की कि निर्माण कार्य से होने वाले कि भी करते कंपन(भूकंप जैसे झटके) और पुराने भवनों पर असर नहीं पड़ सकता है। मैट्रो की इस परियोजना से जुड़ी सरकारी क्रियान्वयन एजेंसी ने हाल ही में कहा था कि परियोजना से प्रभावित करीब 1500 परिवारों को अन्यत्र स्थानांतरित किया गया है और कुल 7600 कुशल एवं अकुशल श्रमिक काम में लगे हैं।
कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिक प्रतिनिधियों ने यह निर्माण कार्य शुरु होने के समय से ही पुराने एवं धरोहर भवनों की सुरक्षा को लेकर चिंता प्रकट की। इस पर एमएमआरसी के प्रबंध निदेशक अश्वनी भीडे ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परखी गयी सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जा रहा है, ऐसे में ये प्रश्न उठते ही नहीं हैं। ऐसे में देखना होगा कि ये मेट्रो मुंबईवासियों के लिए किस तरह के बदलाव और सुविधाओं को लेकर आती है।मुंबई में घाटकोपर-वर्सोवा के बीच पिछले तीन साल से मेट्रो चल रही है, तीसरे फेज के साल 2021 तक पूरा होने की संभावना है।