पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यों से VAT कटौती की अपील के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम पर जबानी जंग शुरू, जानिए किस राज्य में सबसे सस्ता है पेट्रोल-डीजल

By सतीश कुमार सिंह | Published: April 27, 2022 06:57 PM2022-04-27T18:57:34+5:302022-04-27T19:15:57+5:30

Fuel Price Hike: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत का मुद्दा छेड़ते हुए वैट कटौती कम करने की अपील की। इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गया है।

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ईंधन की बढ़ती कीमतों की वजह से महंगाई में हुई वृद्धि का मुद्दा इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। (file photo)

Highlightsकांग्रेस, आप, ममता बनर्जी ने पीएम और भाजपा पर हमला तेज कर दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने समापन भाषण के दौरान यह मुद्दा उठाया।समापन भाषण का अधिकतर हिस्सा ईंधन की बढ़ती कीमतों पर केंद्रित रहा।

नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत से आम आदमी का बुरा हाल है। तेल कीमत को लेकर विपक्ष के निशाने पर आए पीएम नरेंद्र मोदी ने आज जमकर पलटवार किया। कोरोना की मीटिंग में पीएम ने राज्यों से वैट कटौती कम करने की अपील की। पीएम ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण महंगाई बढ़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विपक्ष के मुख्यमंत्री से कहा कि जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स को कम करें। पीएम को बयान ऐसे समय आया है, जब महंगाई से जनता त्रस्त है। हर माह ईंधन की कीमतों के साथ-साथ पीएनजी, सीएनजी और रसोई गैस के दाम बढ़ रहे हैं।

मोदी ने कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, केरल, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट कम ना करके इन राज्यों की जनता के साथ ‘‘अन्याय’’ किया है। उन्होंने कहा कि दरों में कटौती ना करना, इन राज्यों के पड़ोसी राज्यों को भी नुकसान पहुंचाता है।

जनता को राहत देने का काम आप सभी को हैं। पीएम ने कहा कि नंवबर 2021 में केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाई थीं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत एकतरफा थी। मैं उनसे सहमत नहीं हूं। 

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमला और ध्यान भटकाने’ की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए, जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी। केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे।

आपको बता दें कि हर राज्य में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती की कीमत अलग-अलग हैं। चेन्नई, जयपुर, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई 111 रुपये प्रति लीटर की दर से भी ज्यादा की कीमतें हैं। केंद्र शासित दमन और दीव में इसकी कीमत 102 रुपये, लखनऊ में 105 रुपये, गुवाहाटी में 105 रुपये, जम्मू में 106 रुपये और देहरादून में 103 रुपये प्रति लीटर है।

राज्यपेट्रोल की कीमत (प्रति लीटर रुपये) (आज की दरें)डीजल की कीमत (प्रति लीटर रुपये) 
आंध्र प्रदेश120105.65
असम105.6691.40
बिहार116.23101.06
छत्तीसगढ़111.47102.86
गुजरात104.9699.32
हरियाणा106.0297.25
हिमाचल प्रदेश105.8389.62
जम्मू और कश्मीर108.6092.04
झारखंड108.67101.97
कर्नाटक110.6694.39
केरल115.37102.26
मध्य प्रदेश118.16101.19
महाराष्ट्र118.36103.00
ओडिशा112.50102.24
पंजाब104.9792.34
राजस्थान118.03100.92
तमिलनाडु111.31101.41
तेलंगाना119.49105.49
उत्तर प्रदेश105.2196.78
उत्तराखंड103.7397.34
पश्चिम बंगाल115.1299.83
दिल्ली104.4196.67

मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों में केंद्र और राज्य सरकारों का तालमेल और उनके बीच सामंजस्य पहले से कहीं अधिक आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों की वजह से आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और ऐसे माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां बढ़ती जा रही है।

मोदी ने कहा कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए केंद्र सरकार ने उत्पाद कर में पिछले नवंबर में कमी की थी और राज्यों से भी आग्रह किया गया था कि वे अपने यहां टैक्स कम करें और जनता को इसका लाभ दें। केंद्र की इस सलाह पर अमल करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों ने अपने यहां वैट की दरों में कटौती की थी लेकिन विपक्षी दलों के शासन वाले अधिकतर राज्यों ने इसे अनसुना कर दिया। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस सलाह के काफी दिनों के बाद वैट में कटौती की थी।

अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने कर्नाटक और गुजरात जैसे भाजपा शासित राज्यों का उदाहरण दिया और कहा कि अगर इन राज्यों ने वैट की दरों में कटौती ना की होती तो कर्नाटक को पिछले छह महीनों में 5,000 करोड़ रुपसे से ज्यादा और गुजरात को 3,500-4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व और मिलता।

उन्होंने कहा कि इन दोनों राज्यों के पड़ोसी राज्यों ने वैट में कमी ना करके इन छह महीनों में 3,500-4,000 से लेकर 5,000-5,500 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त राजस्व कमा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल और झारखंड ने किसी न किसी कारण से, वैट में कटौती की केंद्र की सलाह को नहीं माना और उनके राज्य के नागरिकों पर ‘‘बोझ’’ जारी रहा।

बैठक में इनमें से ज्यादातर राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद थे। मोदी ने कहा, ‘‘मैं यहां किसी की आलोचना नही कर रहा हूं। मैं सिर्फ आपसे आपके राज्य के नागरिकों की भलाई के लिए प्रार्थना कर रहा हूं... लेकिन अब आपसे मेरी प्रार्थना है कि देशहित में आपको पिछले नवंबर में जो करना था... छह महीने की देरी हो चुकी है... अब भी आप अपने राज्य के नागरिकों को वैट कम करके इसका लाभ पहुंचाइए।’’ 

(इनपुट भाषा)

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