Lok Sabha Elections 2019: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मंगलवार (4 मई) को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसक झड़प सामने आई। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया था लेकिन बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा है कि पुलिस उन्हें रात के दो बजे उनके होटल से पकड़ ले गई थी।
बग्गा की रिहाई के लिए #FreeTajinderBagga के साथ सोशल मीडिया नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर कैंपेन भी चला, जोकि ट्रेंडिंग रहा।तेजिंदर पाल सिंह ने बग्गा ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट में लिखा, ''कल रात 2 बजे मेरे होटल का कमरे का दरवाजा तोड़ के मुझे गिरफ्तार किया गया था। बंगाल में आपातकाल जैसे हालात है।''
बग्गा ने बुधवार (15 मई) को इससे कुछ मिनट पहले 1 बजकर 6 मिनट पर एक ट्वीट में लिखा, ''आप सभी मित्रों के सहयोग, समर्थन के लिए दिल से धन्यवाद। ममता बनर्जी के दबाव में पूरी रात कोलकाता पुलिस ने सबूत ढूंढे की कोई सीसीटीवी फुटेज/तस्वीर में मेरी कोई ऐसी तस्वीर मिल जाए जिसे हिंसा के साथ जोड़ा जा सके लेकिन कोई सबूत न मिलने पर मजबूरी में मुझे छोड़ना पड़ा।'' दिल्ली के करावल नगर से विधायक कपिल मिश्रा ने भी रात के तीन बजे बग्गा को गिरफ्तार किए जाने की बात ट्वीट कर कही।
बता दें कि बुधवार को ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता डेरेक ओ ब्रायन ने बग्गा का नाम लेते हुए बीजेपी पर आरोप लगाया है कि पार्टी जुलूस में अपने बाहरी गुंडों को लाई। उन्होंने कहा था कि बग्गा वही आदमी है न जिसने दिल्ली में किसी को चांटा मारा था।
इस पर बग्गा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए डेरेक और ब्रायन पर पलटवार करते हुए कहा, '' ''कोई भी डेरेक ओ ब्रायन को गंभीरता से नहीं लेता है। मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वह यह साबित कर दें कि मैं हिंसा वाली जगह से 500 मीटर की दूरी पर था। अगर मैं गलत साबित हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा नहीं तो उन्हें राजनीति छोड़ देना चाहिए अगर आरोप साबित नहीं कर पाते हैं।''
बता दें कि इसस पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया से कहा कि टीएमसी पश्चिम बंगाल में 42 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और बीजेपी देश भर में चुनाव लड़ रही है। पंश्चिम बंगाल छोड़कर देश में कहीं भी हिंसक घटनाएं नहीं हुईं इसका मतलब है कि हार की आशंका के चलते हिंसक घटनाओं के रूप में ममता बनर्जी सरकार की बौखलाहट सामने आ रही है।
शाह ने यह भी कहा कि अगर सीआरपीएफ के जवान नहीं होते तो टीएमसी के लोगों द्वारा अंजाम दी गई हिंसक झड़प में उनका बचना मुश्किल था। वहीं, सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि अमित शाह कोई भगवान नहीं हैं जो उनता विरोध नहीं हो सकता है। हिंसक झड़प की भेंट चढ़ी शिक्षाविद् ईश्वरचंद विद्यासागर की मूर्ति के लिए विरोधस्वरूप ममता बनर्जी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी में उनकी तस्वीर भी लगाई।