PM नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा से ठीक पहले फ्रांसीसी कंपनी ने सबमरीन के लिए भारतीय परियोजना से हटने की घोषणा की
By विशाल कुमार | Updated: May 3, 2022 07:42 IST2022-05-03T07:39:17+5:302022-05-03T07:42:18+5:30
43,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए चुने गए पांच अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में से एक नवल ग्रुप ने कहा कि वह प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) की शर्तों को पूरा नहीं कर सकता है और इसलिए, अपनी बोली जारी नहीं रखेगा।

PM नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा से ठीक पहले फ्रांसीसी कंपनी ने सबमरीन के लिए भारतीय परियोजना से हटने की घोषणा की
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस की निर्धारित यात्रा से पहले फ्रांस में रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी नवल ग्रुप ने घोषणा की है कि वह पी-75 इंडिया (पी-75आई) परियोजना में भाग लेने में असमर्थ है, जिसके तहत भारत में नौसेना के लिए छह पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाना है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 43,000 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए चुने गए पांच अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में से एक नवल ग्रुप ने कहा कि वह प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) की शर्तों को पूरा नहीं कर सकता है और इसलिए, अपनी बोली जारी नहीं रखेगा।
यह परियोजना नए रणनीतिक साझेदारी मॉडल के तहत सबसे बड़ी है, जिसके तहत भारत में पनडुब्बियों के निर्माण और प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए एक भारतीय कंपनी के साथ एक अंतरराष्ट्रीय ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर (ओईएम) की भागीदारी होगी।
पी-75आई भारत में पनडुब्बियों के निर्माण की दूसरी परियोजना है। इससे पहले नवल ग्रुप ने भारत में मझगांव डॉकयार्ड शिपबिल्डिंग लिमिटेड (एमडीएल) के साथ साझेदारी में पी-75 परियोजना के तहत छह कलवरी क्लास (स्कॉर्पीन क्लास) पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण अभी पूरा किया है।
पी-75 परियोजना पर 2005 में हस्ताक्षर किए गए थे (नवल ग्रुप को तब डीसीएनएस कहा जाता था) और छह में से, चार पनडुब्बियों को पहले ही नौसेना में शामिल किया जा चुका है। छठा पिछले महीने लॉन्च किया गया था और अगले साल के अंत में चालू होने की उम्मीद है।
यह घोषणा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक के लिए 4 मई को प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस की निर्धारित यात्रा से ठीक पहले हुई है। नवल ग्रुप के इस प्रक्रिया से हटने से पी-75आई परियोजना को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। सूत्रों ने कहा कि रूस और स्पेन के ओईएम भी प्रभावी रूप से भाग नहीं ले रहे हैं, हालांकि उन्होंने अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।