नोटबंदी के चार साल : प्रधानमंत्री ने कहा- काला धन कम हुआ, भाजपा व कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

By भाषा | Published: November 8, 2020 09:07 PM2020-11-08T21:07:17+5:302020-11-08T21:07:17+5:30

Four years of demonetisation: Prime Minister said - black money reduced, allegations and counter-allegations in BJP and Congress | नोटबंदी के चार साल : प्रधानमंत्री ने कहा- काला धन कम हुआ, भाजपा व कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

नोटबंदी के चार साल : प्रधानमंत्री ने कहा- काला धन कम हुआ, भाजपा व कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप

नयी दिल्ली, आठ नवंबर नोटबंदी के चार साल पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि इससे काले धन को कम करने में मदद मिली है, कर अनुपालन में वृद्धि हुई है और पारदर्शिता बढ़ी है, वहीं भाजपा तथा कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिला।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस कदम का मकसद अपने कुछ “उद्योगपति मित्रों” की मदद करना था और इसने भारतीय अर्थव्यवस्था को “बर्बाद” कर दिया। इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा ने कहा कि नोटबंदी कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के दौरान व्याप्त भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या पर एक ‘‘हमला’’ था।

गांधी और कांग्रेस आरोप लगाते रहे हैं कि 2016 में की गई नोटबंदी लोगों के हित में नहीं थी और इसने अर्थव्यवस्था पर विपरीत असर डाला है। इस आरोप का सरकार ने बार-बार खंडन किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को टेलीविजन पर देश के नाम अपने संबोधन में उसी दिन आधी रात से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने की घोषणा की थी, जो उस समय चलन में थे।

मोदी ने आज ट्विटर पर विमुद्रीकरण के अपनी सरकार के फैसले के लाभों को गिनाया।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘नोटबंदी ने कालेधन को कम करने में, कर अनुपालन बढ़ाने में तथा पारदर्शिता सुदृढ़ करने में मदद की है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ये परिणाम देश की प्रगति के लिए बहुत लाभकारी रहे हैं।’’

प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट के साथ एक ग्राफिक भी साझा किया है, जिसमें दर्शाया गया है कि किस तरह से विमुद्रीकरण से कर जमा होने में वृद्धि हुई, कर तथा जीडीपी अनुपात बढ़ा, भारत अपेक्षाकृत कम नकदी आधारित अर्थव्यवस्था बना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती मिली।

लेकिन नोटबंदी के विरोध में कांग्रेस के ऑनलाइन अभियान 'स्पीक अप अगेंस्ट डिमो डिजास्टर' के तहत जारी एक वीडियो में गांधी ने कहा कि सवाल यह है कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था कैसे भारत की अर्थव्यवस्था से '' आगे बढ़'' गई, क्योंकि एक समय था जब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे अच्छे प्रदर्शन वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक थी।

गांधी ने हिंदी में कहा, “सरकार कहती है कि इसका कारण कोविड है, लेकिन अगर यह वजह है तो कोविड बांग्लादेश और विश्व में अन्य जगह भी है। कारण कोविड नहीं, नोटबंदी और जीएसटी हैं।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, “चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर एक हमला शुरू किया था। उन्होंने किसानों, श्रमिकों और छोटे दुकानदारों को नुकसान पहुंचाया था। मनमोहन सिंह जी ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को दो प्रतिशत का नुकसान होगा, और यह हमने देखा था।”

गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह काले धन के खिलाफ लड़ाई है, लेकिन ऐसा नहीं है।

गांधी ने आरोप लगाया, “यह एक झूठ था। यह आप पर हमला था। मोदी आपका पैसा लेना चाहते थे और उसे अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों को देना चाहते थे। आप लाइनों में खड़े हुए, उस लाइन में उनके उद्योगपति मित्र नहीं थे। आपने अपना पैसा बैंकों में रखा और प्रधानमंत्री मोदी ने उस पैसे को अपने दोस्तों को दे दिया और उन्हें 3,50,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी दी।”

हालांकि, राहुल गांधी ने कर्ज माफी के अपने दावे के समर्थन में कोई साक्ष्य नहीं दिया।

प्रतिक्रिया में भाजपा ने कहा कि नोटबंदी देश के लिए अच्छी थी और इससे अर्थव्यवस्था की सफाई हुई।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव चंद्रशेखरन ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘नोटबंदी व्यवस्थागत आर्थिक भ्रष्टाचार और काले धन की अर्थव्यवस्था के लिए एक झटका थी। तब से संगठित अर्थव्यवस्था मजबूत हुई और समाज के सभी वर्गों के लिए अप्रत्याशित आर्थिक लाभ लाई।’’

चंद्रशेखरन ने कहा, ‘‘अगर कोई है जिसे लूट और अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के बारे में बात नहीं करनी चाहिए तो वो कांग्रेस के लोग हैं। कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के बर्बाद 10 साल में देश की अर्थव्यवस्था में काला धन और भ्रष्टाचार अनियंत्रित था।’’

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) 2004 से 2014 तक केंद्र की सत्ता पर दो कार्यकाल तक काबिज था।

चंद्रशेखरन ने कहा कि 2014 से मोदी सरकार ने आर्थिक बदलाव शुरू किये और नोटबंदी इसका हिस्सा थी ताकि सुनिश्चित हो कि सरकार की योजनाओं का लाभ बिना भ्रष्टाचार के गरीबों और वंचित लोगों तक पहुंचे।

कांग्रेस ने आज ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया।

कांग्रेस महासचिव अजय माकन ने संवाददाता सम्मेलन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 24 नवंबर 2016 को दिए गए वक्तव्य का उल्लेख किया।

सिंह ने वक्तव्य में कहा था, “जिस प्रकार इस योजना को क्रियान्वित किया गया है, वह प्रबंधन की बड़ी विफलता है और यह संगठित तथा वैधानिक रूप से आम लोगों की लूट का मामला है।”

माकन ने कहा, “मोदी जी की सरकार ने नोटबंदी करने के निर्णय के कारणों पर स्पष्टीकरण देते हुए कई बार बयान बदला है।”

माकन ने नोटबंदी के फैसले के समर्थन में दी गई दलीलों का बिंदुवार खंडन किया।

कांग्रेस द्वारा नोटबंदी के विरोध में चलाए जा रहे ऑनलाइन अभियान के तहत पी चिदंबरम ने कहा, “प्रत्येक शासक और सरकार को जो पहला सबक सीखना चाहिए, वह यह है कि अगर आप लोगों के लिए अच्छा काम नहीं कर सकते तो उन्हें नुकसान भी मत पहुंचाइये। भाजपा नीत राजग सरकार ने आठ नवंबर 2016 को भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचाया था।”

इसके अलावा मल्लिकार्जुन खड़गे, शशि थरूर और सलमान खुर्शीद जैसे वरिष्ठ नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की।

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Web Title: Four years of demonetisation: Prime Minister said - black money reduced, allegations and counter-allegations in BJP and Congress

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